
रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शुद्धता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध रतलामी मावा के भाव में शादी-ब्याह के सीजन में उछाल आया है। सामान्य दिनों में 200 से 220 रुपये किलो बिकने वाला मावा वर्तमान में 280 से 320 रुपये पहुंच गया है। वर्तमान में मावा की आवक 25 से 30 क्विंटल हो रही है। ज्यादातर मावा की खपत जिले में ही हो रही है। मावा के भाव में उछाल से दुकानों पर मिठाई कीमतों में भी वृद्धि हुई है। 340 से 360 रुपये किलो बिकने वाली मिठाई अब 380 से 400 रुपये किलो बेची जा रही है।
सेंव, सोना की तरह रतलाम के मावा की शुद्धता की ख्याति भी दूर-दूर तक फैली है। जिले में छोटे-बड़े 500 से अधिक मावा उत्पादक हैं। रतलामी मावा की मांग स्थानीय और अन्य स्थानों पर हमेश बनी रहती है, लेकिन वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते अन्य स्थानों पर मावा सीमित मात्रा में ही भेजा रहा है। ज्यादातर खपत जिले में ही हो रही है। व्यवसायी सुभाष कुमार शैतानमल जैन मावावाला का कहना है रतलाम का मावा मुंबई, सूरत, वड़ोदरा, अहमदाबाद, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, बदनावर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी सहित अनेक स्थानों पर बिकने जाता है। सामान्य दिनों में 25 से 30 क्विंटल मावा उत्पादन होता है। वर्तमान में भी इतना ही मावा प्रतिदिन बिकने आ रहा है। सामान्य दिनों में भाव 200 से 250 रुपये किलो रहते हैं। वर्तमान में त्योहार व शादी-ब्याह के सीजन में भाव बढ़कर 280 से 320 रुपये तक पहुंच गए हैं। शादी-ब्याह की सीजन समाप्त होते ही फिर से मावा के भाव पटरी पर लौट आएंगे।
एक लीटर दूध से 200-250 ग्राम मावा
मावा उत्पादकों के अनुसार एक लीटर दूध में 200 से 250 ग्राम मावा बनता है। वर्तमान शादी-ब्याह के सीजन में मावा की अच्छी मांग बनी हुई है और भाव ठीक है।
इन गांवों से होती हैं आवक
सामान्य तौर जिले 30 से 40 गांव है जहां प्रमुखता से मावा बनाया जाता है। इसमें नामली, पंचेड़, बरबोदना, हतनारा, सैलाना, कमेड़, कुआंझागर, कनेरी, कलमोड़ा, मूंदड़ी, पलास, रूनिजा, प्रीतमनगर, नौगांवा, लालगुवाड़ी, ईसरथूनी, कोटड़ी, ढिकवा, बेरछा, लुनेरा, शिवपुर, ईटावा, माताजी, कालूखेड़ी, सुंदराबाद, शिवगढ़ आदि शामिल हैं।
दुकानों पर मिठाई का उठाव कम
शादी-ब्याह के सीजन में दुकानों पर मिठाई के उठाव में कमी आई है। व्यवसायियों ने मावा के भाव में उछाल आने से मिठाई के दाम में भी वृद्धि की है। नमकीन-मिठाई व्यवसायी गौरव जैन ने बताया कि मावा का भाव बढ़ने से अब मिठाई 380 से 400 रुपये किलो तक बेची जा रही है। पहले भाव 340 से 360 रुपये किलो थे।
एक नजर
500 से अधिक जिले में है मावा उत्पादक
30 से अधिक है छोटे-बड़े मावा व्यवसायी
1200 से अधिक छोटी-बड़ी मिठाई दुकानें
30 क्विंटल से अधिक रोजाना उत्पादन
एक नजर मावा के भाव पर
तारीख मावा सफेद मावा पीला
02 दिसंबर 265 310
01 दिसंबर 270 315
30 नवंबर 290 320
28 नवंबर 285 320
27 नवंबर 265 300
26 नवंबर 250 285
25 नवंबर 270 300
24 नवंबर 290 320
23 नवंबर 265 290
21 नवंबर 260 285
20 नवंबर 260 285
19 नवंबर 240 270
18 नवंबर 240 265
17 नवंबर 240 255
(नोट भाव प्रतिकिलो रुपये में)