.webp)
नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। एक्सप्रेस वे पर शुक्रवार को हादसे में कार के 150 किमी प्रतिघंटा की स्पीड में होने व चालक को झपकी आने की बात सामने आई है। हादसे के बाद कार से मिले एक आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों से पांचों मृतकों की शिनाख्त की गई।
मृतकों में गुलाम रसूल व उनका बेटा अब्दूल खालिक और दानिश व उनका नौ वर्षीय बेटा मोइनुद्दीन शामिल है। इसी तरह मृतक दुर्रेज इनके चाचा का लड़का बताया जा रहा है। हादसे की सूचना के बाद थाना प्रभारी सुरेंद्रसिंह गडरिया, तहसीलदार वंदना कराड़े, एसआइ प्रेमसिंह हटिला, पटवारी ओमप्रकाश डोडियार मौके पर पहुंचे और मृतकों के परिवार से संपर्क किया। इस दौरान कार में रखा सामान निकालने के लिए एक हिस्सा काटना भी पड़ा।
जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के फैजाबाद में स्थित गांव गौंडा मृतकों का पैतृक गांव है। वड़ोदरा निवासी मुनाम शेख ने बताया कि गुलाम रसूल अहमद की बहन के बेटे व बेटी की शादी का कार्यक्रम गौंडा में था। सभी 8 नवंबर को गौंडा पहुंचे थे। गौंडा से गुरूवार दोपहर करीब 03 बजे वापस मुंबई और वड़ोदरा जाने के दो अलग-अलग वाहन से निकले थे। वापस लौटते समय एक कार कानपूर में रुक गई, जिसमें नौ वर्षीय मोईनुद्दीन बैठा था।
कानपुर से वह अपने पिता के साथ आकर बैठ गया। जिसके बाद वे मुंबई की ओर एक्सप्रेस वे पर चढ़ गए। कार दुर्रेज चला रहा था। गुलाम रसूल बीएएमएस डॉक्टर थे। अब्दुल और दुर्रेज आइटी क्षेत्र में कार्य करते थे। दानिश वडोदरा की एक निजी कंपनी में एचआर पद पर कार्यरत था। मोइनुद्दीन तीसरी कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। दानिश की एक 05 वर्षीय बेटी भी है।
पुलिस के अनुसार दुर्घटना स्थल से करीब 10 फीट पहले लगी स्पीड गन से वाहन की गति लगभग 150 किलोमीटर प्रति घंटा रिकार्ड हुई है। जबकि एक्सप्रेस वे पर चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 120 किमी व भारी वाहनों के लिए 80 किमी प्रति घंटा तय की हुई है। माही नदी ब्रिज के पहले लगे सुरक्षा बैरियर (रेलिंग) इतनी मजबूत नहीं थी कि तेज रफ्तार वाहन को रोक सके।
कार रेलिंग तोड़कर खाई में गिर गई, जिससे पता चलता है कि एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा संरचना मानकों के अनुरूप प्रभावी नहीं थी। एक्सप्रेस वे पर आए दिन हो रहे हादसों के बावजूद स्पीड लिमिट का पालन कराने की व्यवस्था नहीं की गई। एक्सप्रेस वे के मीडियन व किनारों पर मजबूत क्रैश बैरियर नहीं है। जानकारी के लिए एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर संदीप पाटीदार को काल किया, लेकिन काल रिसीव नहीं किया गया।