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Ratlam Lok Sabha Result 2024: रतलाम। रतलाम लोकसभा सीट एक बार फिर भाजपा के कब्जे में जा रही है। भाजपा प्रत्याशी अनीता नागर सिंह करीब 1 लाख 79 हजार मतों से आगे चल रही है। जानकारी के अनुसार दोपहर एक बजे तक रतलाम में 15 राउंड की गिनती हो चुकी है। अब तक भाजपा प्रत्याशी अनीता नगर सिंह चौहान को 5 लाख 92 हजार 678 मत मिल चुके है। वही कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया 4 लाख 12 हजार मत लेकर दूसरे नम्बर पर है। भारत आदिवासी पार्टी के इंजीनियर बालू सिंह गामड़ 42919 वोट लेकर तीसरे नम्बर पर है। रतलाम सीट पर कुल 12 प्रत्याशी मैदान में।
पहले झाबुआ और वर्तमान में रतलाम लोकसभा सीट पर 1957 से 2019 तक हुए 16 चुनाव व एक उपचुनाव में कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है। भाजपा ने 2014 में पहली बार इस आदिवासी सीट पर कमल खिलाया था, लेकिन निर्वाचित सांसद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर से यह सीट भाजपा से छीनकर अपने कब्जे में ले ली। संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक 11 बार 'भूरिया" का कब्जा रहा। दिलीपसिंह भूरिया कांग्रेस से पांच बार, भाजपा से एक बार सांसद चुने गए, वहीं कांतिलाल भूरिया कांग्रेस से पांच बार सांसद निर्वाचित हुए।
आदिवासी बहुल रतलाम लोकसभा सीट पर 1957 से 1967 तक हुए तीन चुनाव में कांग्रेस ने लगातार हैट्रिक बनाई। इसके बाद 1971 में एसएसपी और 1977 में बीएलडी ने कांग्रेस को पटखनी देकर दबदबा जमाया, लेकिन इसके बाद यह आज तक कायम नहीं रहा सका। 2014 के चुनाव में नमो लहर में जरूर भाजपा ने कांग्रेस का गढ़ ढहाते हुए सफलता का झंडा गाड़ा, लेकिन यह भी भाजपा के निर्वाचित सांसद दिलीपसिंह भूरिया के निधन से ज्यादा दिन टिक नहीं पाया।
2015 में हुए उपचुनाव में फिर कांग्रेस ने अपने गढ़ में वापसी कर ली। 2019 के चुनाव में भाजपा के गुमानसिंह डामोर ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को पटखनी देकर कमल खिलाया। इस बार फिर कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया और भाजपा से आलीराजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता नागरसिंह चौहान के बीच मुकाबला है।
संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम है। वर्ष 1962 के चुनाव में कांग्रेस की जमुनादेवी ने भारतीय जन संघ के गट्टू को सबसे कम 22384 मतों से पराजित किया था। जमुनादेवी को 68024 मत और गट्टू को 45640 मत मिले थे। इसी प्रकार वर्ष 1999 के चुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने भाजपा के दिलीपसिंह भूरिया को सर्वाधिक 149377 मतों से पटखनी दी थी। कांतिलाल को 371842 मत और दिलीपसिंह को 222465 मत मिले थे।
रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर अब तक हुए कुल 16 चुनाव में पांच बार महिला प्रत्याशी टक्कर में रही, लेकिन जीत केवल एक बार ही मिली। 1962 में कांग्रेस से जमुनादेवी सफलता का परचम फहराकर इस सीट की पहली महिला सांसद निर्वाचित हुई। इसके बाद जमुनादेवी ने 1980 में फिर जेएनपी से किस्तम आजमाई, लेकिन कांग्रेस के दिलीपसिंह भूरिया से पराजित हो गई। इसके बाद वर्ष 1991 व 2004 में भाजपा से रेलम चौहान मैदान में रही, लेकिन जीत नहीं पाई। 2015 के उपचुनाव में भाजपा ने फिर महिला प्रत्याशी के रूप में दिवंगत सांसद दिलीपसिंह भूरिया की पुत्री निर्मला भूरिया को मैदान में उतारा, लेकिन वे कांग्रेस के कांतिलाल के सामने पिता की सीट को बरकरार नहीं रख पाई।
रतलाम-झाबुआ-आलीराजपुर लोकसभा सीट से आठ विधानसभा जुड़ी हैं। इनमें जोबट, आलीराजपुर, झाबुआ, पेटलावद, थांदला, रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर, सैलाना विधानसभा सीट जुड़ी हैं।