Ratlam Nagda New Rail Line: रतलाम से नागदा के बीच डाली जाएगी तीसरी और चौथी रेल लाइन, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
रतलाम रेलमंडल प्रशासन ने इस परियोजना के लिए सर्वे करके रेलवे बोर्ड को पूरी जानकारी भेज दी थी। इसके बाद अब स्वीकृति दी गई है। दूसरे चरण में रतलाम से गोधरा के बीच फोरलेन लाइन की जाएगी। इसी ट्रैक पर मार्च 2026 से 160 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से ट्रेन चलाने के लिए भी रेलवे ट्रैक को मजबूत करने और कर्व खत्म करने सहित अन्य काम किए जा रहे हैं।
Publish Date: Wed, 28 May 2025 08:53:44 PM (IST)
Updated Date: Wed, 28 May 2025 09:08:59 PM (IST)
वर्ष 2029-30 तक पूरा होगा इस नई रेल लाइन का काम।HighLights
- इस रेललाइन की लंबाई 41 किलोमीटर रहेगी।
- इसकी लागत 1018 करोड़ रुपये आंकी गई है।
- इस बीच यहां कुछ नए स्टेशन भी बन सकते हैं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के साथ ही तीसरी व चौथी रेल लाइन डालने की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है। पहले चरण में इस रूट पर रतलाम से नागदा जंक्शन के बीच रेल लाइन डाली जाएगी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। इसमें रतलाम-नागदा के बीच तीसरी व चौथी लाइन जबकि वर्धा-बल्हारशाह के बीच तीसरी लाइन शामिल हैं।
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- बता दें कि रतलाम रेलमंडल प्रशासन ने इस परियोजना के लिए सर्वे करके रेलवे बोर्ड को पूरी जानकारी भेज दी थी। इसके बाद अब स्वीकृति दी गई है।
- दूसरे चरण में रतलाम से गोधरा के बीच फोरलेन लाइन की जाएगी। इसी ट्रैक पर मार्च 2026 से 160 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से ट्रेन चलाने के लिए भी रेलवे ट्रैक को मजबूत करने और कर्व खत्म करने सहित अन्य काम किए जा रहे हैं।
ये परियोजनाएं मल्टी-माडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं। ![naidunia_image]()
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- इससे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व दिल्ली का रेलसंपर्क मजबूत होगा। यह रेलमार्ग कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। लाजिस्टिक लागत, तेल आयात और कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन को कम करने में इससे मदद मिलेगी।
41 किमी लंबाई, 1018 करोड़ लागत
- रतलाम से नागदा के बीच 41 किमी की फोर रेललाइन रहेगी।
- इसकी लागत 1018 करोड़ रुपये आंकी गई है।
- तीसरी व चौथी रेललाइन का अलाइनमेंट वर्तमान के डबल ट्रैक से थोड़ा हटकर रहेगा।
- इसमें कुछ नए स्टेशन भी बन सकते हैं।
- रेलवे ने वर्ष 2029 से 30 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
इस तरह मिलेगा लाभ -समयबद्धता में सुधार
- फोरलेन ब्राडगेज होने से ट्रेनों के संचालन की गति और क्षमता बढ़ेगी।
- दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की समयबद्धता सुधरेगी।
- परिचालन में संतुलन होगा। मालगाड़ी व यात्री ट्रेनों में बेहतर संतुलन बनेगा।
- अधिक लाइनों के चलते यातायात दबाव कम होगा।
- माल ढुलाई तेज होने से व्यापारिक क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा। रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा।
- नवीन ट्रेन सेवाओं की संभावना बढ़ेगी। भविष्य में सेमी-हाइस्पीड या वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की संभावनाएं और मजबूत होंगी।