
रतलाम। अपने कंप्यूटर, मोबाइल, पेटीएम, फोन पे, गूगल पे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ऊर्जस एप के माध्यम से बिजली बिल भरने वालों की संख्या में वर्ष 2022 के पांच माह में एक लाख की वृद्धि हुई है। अब कंपनी क्षेत्र में कैशलेस बिजली बिल भुगतान करने वालों की संख्या तेरह लाख हो गई है। जिले में इनकी संख्या 50 हजार के पार हो गई है। मप्र बिजली नियामक आयोग के अनुसार कैशलैस बिल भुगतान करने वालों को प्रतिमाह करीब सवा करोड़ की छूट दी जा रही है।
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि नियामक आयोग के अनुसार कैशलैस बिजली बिल भुगतान करने वालों को प्रति बिल पर छूट दी जा रही है। यह छूट न्यूनतम पांच रुपये प्रति बिल है। घरेलू एलटी बिजली बिल भुगतान पर अधिकतम आधा फीसद बिल राशि की कैशलेस छूट देय है, जबकि गैर घरेलू एलटी बिल भुगतान पर 20 रुपये अधिकतम छूट दी जा रही है। कंपनी क्षेत्र में कैशलेस बिल राशि चुकाने वालों की संख्या हर जिले में बढ़ी है। इंदौर में सबसे ज्यादा चालीस हजार उपभोक्ता इस ओर बढ़े हैं। अब शहर में लगभग साढ़े तीन लाख उपभोक्ता कैशलेस बिजली बिल भुगतान प्रति माह कर रहे हैं। इंदौर के बाद शहरों में उज्जैन व फिर रतलाम में कैशलेस सबसे ज्यादा है। सभी 15 जिला मुख्यालयों समेत 135 नगरों में कैशलेस का आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक है। बिजली कंपनी के कैशलेस बिल भुगतान से आशय कैश के बिना सिर्फ तकनीक के आधार पर विभिन्ना माध्यमों से बिजली बिलों का राशि अंतरण कर भुगतान है। कंपनी के शत-प्रतिशत चार हजार एचटी उपभोक्ता कैशलेस अपना रहे हैं। कैशलेस से सभी उपभोक्ताओं को मासिक लगभग सवा करोड़ रुपये की छूट दी जा रही है। यह छूट अगले बिल में स्पष्ट उल्लेखित होती है।
किस शहर में कितने उपभोक्ता कैशलेस
इंदौर 3.50 लाख
उज्जैन 75 हजार
रतलाम 50 हजार
देवास 45 हजार
पीथमपुर 19 हजार