Ratlam Neemuch Rail Track: नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। रतलाम से नीमच के बीच 133 किमी रेलवे ब्राडगेज लाइन के दोहरीकरण का काम तेजी से हो रहा है। नीमच व रतलाम दोनों छोर से काम हो रहा है। धौंसवास से बड़ायला माताजी रेलखंड में पटरियां डालने का काम शुरू हो गया है।
अभी स्लीपर डाले जा रहे हैं। इसके साथ ही रेलमार्ग पर जावरा, धौंसवास सहित अन्य स्टेशनों के भवन निर्माण का काम भी शुरू हो गया है। नीमच के समीप हर्कियाखाल से मल्हारगढ़ के बीच बड़ा पुल भी जल्द तैयार हो जाएगा। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1095.88 करोड़ की इस परियोजना को स्वीकृति दी थी, इसके बाद टेंडर जारी होते ही काम शुरू हो गया। परियोजना में काम पूरा करने की समय सीमा मार्च 2025 है।
रेलवे ने ठेका लेने वाली फर्म को ही सिविल, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल व टेलीकाम सहित अन्य काम दिए हैं। इस वजह से काम तेज गति से हो रहा है। गत दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी निरीक्षण कर चुके हैं। इस मार्ग के दोहरीकरण से नीमच से औद्योगिक लदान सहित यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी सुगम होगी। अभी सिंगल लाइन पर ट्रेनों का 150 प्रतिशत भार है।
दोहरीकरण से नई ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ ही सफर का समय भी कम होगा। प्रोजेक्ट में 868 करोड़ रुपये सिविल वर्क जबकि बाकी के 134 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नल व टेलीकाम पर 88.41 व मैकेनिकल पर 4.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति किमी 8.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
काम पूरा होने के बाद रतलाम से चित्तौड़गढ़ तक दोहरी रेललाइन हो जाएगी। योजना में रेलमार्ग के 18 स्टेशनों का स्वरूप निखारने के साथ ही 31 बड़े और 133 छोटे ब्रिज बनेंगे। नीमच से दलौदा तक का रेलखंड 63.94 किमी, दलौदा से रतलाम 68.98 किमी का सेक्शन है।
- ट्रेनों की संख्या बढ़कर 30 से अधिक हो जाएगी, वर्तमान में पैसेंजर, एक्सप्रेस, मेल एक्सप्रेस, साप्ताहिक मिलाकर 16 जोड़ी यात्री गाड़ी चल रही है।
- माल लदान में 50 प्रतिशत तक का इजाफा होगा, जिससे रेलवे का राजस्व बढ़ेगा। नीमच व चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में 10-12 सीमेंट फैक्टरियां हैं।
- मालगाड़ियों या पैसेंजर ट्रेन को क्रासिंग लिए पैसेंजर ट्रेन को स्टेशन पर नहीं खड़ा रहना पड़ेगा। l उदयपुर, जयपुर, अजमेर, कोटा के लिए नई ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।
- ट्रेन हादसा या खराबी होने पर दूसरी लाइन से यातायात जारी रखा जा सकेगा। अभी ऐसी स्थिति में रूट बंद हो जाता था।