रीवा। यूपीएससी परिणाम ने रीवा के आदित्य सिंह ने 47वीं रैंक हासिल कर जिले को गौरवन्वित किया है। आदित्य संजय गांधी अस्पताल के सीएमओ डॉ. अतुल सिंह के पुत्र हैं।
बातचीत के दौरान आदित्य ने बताया कि आईआईटी रुढ़की से पढ़ाई करने के बाद वह आईएएस की तैयारी करने दिल्ली पहुंच गए। जहां उन्होंने बाजीराम कोचिंग से एक वर्ष तक तैयारी की और परीक्षा में शामिल हुए।
मित्रों ने दी सूचना
आदित्य बताते हैं कि गुरूवार को तकरीबन 4 बजे उनके मित्र का उनके पास फोन आया जहां उन्हें बताया गया कि उनका सलेक्शन आईएएस में हो गया है। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि उनकी देश में 47वीं रैंक लग गई है।
12 से 14 घंटे पढ़ाई
सफलता की चर्चा करते हुए आदित्य ने बताया कि वह नियमित रूप से औसतन 12 से 14 घंटे पढ़ाई करते थे। पढ़ाई के समय वह किसी भी प्रकार का विरोधाभास पसंद नही करते थे। ज्योति हायर सेकंडरी स्कूल से स्कूल शिक्षा लेने के बाद वह बीटेक की पढाई आईआईटी रुढ़की से की। जहां पढ़ाई पूरी होने के बाद वह तैयारी में जुट गए।
सफलता के मंत्र
श्री सिंह बताते हैं कि उनमें आईएएस बनने की चाहत उस समय पैदा हुई थी जब उनके नाना जी राजेन्द्र सिंह बिसेन डिप्टी कलेक्टर पन्ना हुआ करते थे और बाबा गोविंद सिंह माइंस डिपार्टमेंट में डायरेक्टर थे। चर्चाओं में उन्होंने सुन रखा था कि पूरे देश में नेता नहीं अपितु आईएएस, आईपीएस ही देश को चलाया करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके सफलता के पीछे माता-पिता का आशीर्वाद, गुरू का सहयोग एवं उनकी मेहनत छिपी हुई है।
निश्चित ही सफलता
आदित्य बताते हैं कि पेपर अच्छे गए थे। लिहाजा यह उम्मीद थी कि सलेक्शन हो जाएगा। लेकिन इतनी अच्छी रैंक मिलेगी यह उम्मीद नहीं थी। मुझे आईएएस बनने के खयाल भी मन में आते थे और लगातार मेरी दीदी व जीजा जी जो कि लंदन में चिकित्सक हैं तैयारी मन लगाकर करने की बात कहते थे।
पिता ने बढ़ाया हौसला
उन्होंने बताया कि जब मैं तैयारी करने दिल्ली पहुंचा तो पेशे से चिकित्सक मेरे पिताजी डॉ. अतुल सिंह लगातार मुझसे फोन पर बातें करते थे। वह हर बार यही कहते थे कि बेटा परीक्षा कोई बड़ी व छोटी नहीं होती है। जिस तरह तुमने स्कूल स्तर पर परीक्षा की तैयारी की है उसी लगन से और सहज भाव से तैयारी करना दिमाग में कहीं आईएएस बनने का दवाब मत रखना। क्योंकि यही दवाब व्यक्ति में निराशा और हताशा लेकर आता है और सफलता कोसो दूर रहती है। उनके द्वारा कही गई बातों को मैंने अपनाया और तैयारी भी मैंने आमतौर पर की है। जिसका परिणाम सबके सामने है।