Lok sabha chunav 2024 : नीलांबुज पांडे, नई दुनिया सीधी। समाजवादियों के बाद कांग्रेस का गढ़ रहे मध्य प्रदेश के सीधी संसदीय क्षेत्र में भाजपा का कब्जा बरकरार है। वर्ष 2009 के बाद इस सीट पर लगातार भाजपा ही जीत रही है। वर्ष 2014 में जीत के बाद रीती पाठक ने वर्ष 2019 में अपनी जीत का अंतर पौने तीन लाख वोटों तक पहुंचा दिया। बतौर सांसद रीती पाठक ने लगभग दो कार्यकाल या करीब साढ़े नौ वर्ष में क्षेत्र में सक्रिय रहकर जनता से किए वादों को काफी हद तक पूरा किया। ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन को स्वीकृति दिलवाकर उन्होंने लोगों का सपना पूरा किया तो मुख्य मार्ग और नहर का निर्माण अब भी अधूरा है। विधायक बनने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता तो छोड़ दी लेकिन संसदीय क्षेत्र के लोगों को सांसद की कमी नहीं खलने दी।
ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन का निर्माण प्रस्तावित होने के बाद भी तीन दशक से ज्यादा समय तक हाशिये पर ही रहा। रीती पाठक ने सांसद निर्वाचित होने के बाद इसे मिशन के रूप में लिया तो अब भू-अर्जन के साथ रेल लाइन निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आई है। संसद में लगातार मुद्दे को उठाते रहने का नतीजा रहा कि केंद्र सरकार ने इसे पर्याप्त बजट दिया और प्रस्तावित कार्यों की निगरानी शुरू कर दी। पहले जहां रीवा के आगे रेल लाइन बिछाने का काम नहीं हुआ था, वहीं अब गोविंदगढ़ तक रेल चलाने का परीक्षण भी हो चुका है। विधायक निर्वाचित हो चुकीं रीती पाठक की अभी भी इस परियोजना पर नजर है। हाल ही में उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री से मुलाकात कर निर्माण कार्यों में अपेक्षित बजट देने और कार्यों में तेजी लाने की मांग की है।
रीती पाठक ने आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए सीधी जिले के करवाही ग्राम पंचायत और सिंगरौली जिले के डगा ग्राम पंचायत को गोद लिया था। 'नईदुनिया टीम' ने जब इन गांवों में जाकर विकास कार्यों का जायजा लिया तो स्थिति बेहतर नजर आई। गांव में पहले जहां सड़कें खस्ताहाल थीं, वहीं अब ये चकाचक हो गई हैं। कुछ समस्याएं जरूर बरकरार हैं। करवाही पंचायत में गर्मी शुरू होने के पहले ही मवेशियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। अल्पवर्षा के कारण तालाब और नालों में पानी की कमी हो गई है। पेयजल सुविधा के लिए प्रयास तो किए गए लेकिन विभाग की अनदेखी के चलते गांव के लोगों की परेशानी बनी हुई है। पेयजल के लिए गांव में दो टंकियां हैं लेकिन आपूर्ति एक ही टंकी से हो पा रही है। इसका पानी भी सभी घरों तक नहीं पहुंच रहा है। समग्र स्वच्छता के लिए बनाए गए शौचालय नाकाफी साबित हो रहे हैं तो सार्वजनिक शौचालय में ताला लगा है। गांव में कुछ हद तक बिजली का संकट है तो अमले की कमी से स्वास्थ्य सुविधाएं पंगु हो रही हैं।
सिंगरौली को रीवा से जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण कार्य अधूरा है। सड़क निर्माण पूरा करने ठेकेदार भी बदला गया लेकिन कार्य कछुआ चाल से ही हो रहा है और इस रोड पर सफर लोगों के लिए परेशानी बना हुआ है। रीती पाठक ने निर्माण कार्य को पूरा करने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक से मुलाकात की लेकिन अभी तक संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आया है। गुलाब सागर परियोजना के दूसरे चरण की स्वीकृति और सीधी से बाहरी नहर का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हो सका है। नए निर्माण में विभागीय अमले की जहां नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा, वहीं ठेकेदार भी मनमाने ढंग से निर्माण कार्य कर रहे हैं। सीधी से रीवा तक की मुख्य सड़क बेहतर बन चुकी है और कैमूर घाट पर टनल का निर्माण यातायात को सुगम बना रहा है। सीधी-सिंगरौली नेशनल हाईवे और अधूरा नहर निर्माण विकास के दावे को चिढ़ा रहे हैं।
संसदीय क्षेत्र के प्रमुख हिस्से सिंगरौली में कोयले की प्रचुरता के चलते बड़ी संख्या में उद्योग लगे हुए हैं। एनटीपीसी, एनसीएल सहित दर्जनभर उद्योगों के स्थापित होने के बाद क्षेत्र के बेरोजगारों को उम्मीद थी कि काम मिलेगा लेकिन नामी कंपनियों ने स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं दी। कंपनियों में रोजगार पाने वाले युवक नेताओं से भी सिफारिश लगवाते हैं पर इसके बावजूद कोई खास परिणाम नहीं निकलता। रोजगार नहीं मिलने से युवाओं के पलायन की समस्या बढ़ती जा रही है। कुल मिलाकर स्थिति दीया तले अंधेरा वाली है।
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड्स) यानी सांसद निधि के उपयोग में रीती पाठक सफल रही हैं। पहले कार्यकाल में उन्हें 25 करोड़ रुपये मिले था और दूसरे कार्यकाल में पांच करोड़ रुपये मिले। कुल 30 करोड़ रुपये की सांसद निधि का उन्होंने शत-प्रतिशत उपयोग कर लिया है। स्वीकृत कार्यों में जल संरक्षण के लिए संरचना तैयार करना, पहुंचविहीन गांव में सड़कों का निर्माण, सामुदायिक भवन, यात्री प्रतीक्षालय, पुल-पुलिया का निर्माण शामिल हैं। अस्पताल व स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र आदि के लिए भवन और बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा है।
सीधी-रीवा मार्ग पर मोहनिया घाटी में टनल का निर्माण, सिंगरौली से भोपाल व दिल्ली के लिए ट्रेन सुविधा शुरू होना, कटनी-चोपन रेलवे लाइन का दोहरीकरण, सीधी और सिंगरौली जिले में मेडिकल कालेज, सीधी में ला कालेज, गोपद और सोन नदी पर पुल का निर्माण, सर्रा से मोहनिया फोरलेन सड़क, बरगवां रेलवे लाइन में ओवरब्रिज, सिंगरौली में एयरपोर्ट, भरगामा को नगर पंचायत और तहसील का दर्जा, शहडोल जिले के ब्यौहारी बाजार में सड़क का चौड़ीकरण समेत कई कार्य रीती पाठक की अन्य बड़ी उपलब्धियां कही जा सकती हैं।
आदर्श ग्राम का मतलब कुछ और होता है, पर यहां तो कुछ भी नहीं दिख रहा है। जिस तरह से पिछड़े पंचायत का हाल है, वैसा यहां भी है। सुविधा न के बराबर है।
-रामप्रकाश सिंह, निवासी, करवाही
गांव में सबसे ज्यादा समस्या पानी की बनी हुई है। नदी-नाले सूख गए हैं। तालाब तक में मवेशियों के लिए पानी नहीं है।
-गैवी नाथ तिवारी, निवासी, करवाही
रेलवे लाइन का कार्य हो चाहे स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने का, हमने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया है। मेडिकल कालेज की स्थापना और यातायात सुविधा को सुगम बनाने सड़क निर्माण कार्य कराया है। इसके बेहतर नतीजे सामने दिख रहे हैं। केंद्र सरकार की सकारात्मक पहल से सड़क, पानी, बिजली, रोजगार के मामले में बेहतर कार्य किए गए हैं। नियोजित तरीके से सीधी लोकसभा व विधानसभा में विकास कार्य कराया जा रहा है।
-रीति पाठक, विधायक व पूर्व सांसद, सीधी
रीती पाठक एक परिचय
भाजपा
वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुईं। वर्तमान में विधायक हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद में रहते हुए वर्ष 2014 में पहली बार सांसद चुनी गई थीं।
सांसद में उपस्थिति
98 प्रतिशत
विकास योजना को लेकर सवाल पूछने में बेहतर रही हैं।
बहस में हिस्सा लिया- 73 प्रतिशत
इन समितियों में रहीं सदस्य
परामर्शदात्री समिति, विद्युत मंत्रालय और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
महिलाओं को शक्तियां प्रदान करने संबंधी समिति
कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति