रीवा। नईदुनिया प्रतिनिधि
लाइलाज बीमारी एड्स किसी को छूने और चूमने से नहीं बल्कि असुरक्षित यौन संबंध, दूषित खून, संक्रमित इंजेक्शन से यह बीमाारी फैलती है और रीवा जिला भी इस बीमारी से अछूता नहीं है। खास बात यह है कि मप्र के पांच ऐसे जिले जिन्हें एड्स बीमारी को लेकर ए श्रेणी में रखा गया उसमें रीवा भी शामिल है। जिससे यह साफ जाहिर है कि एड्स बीमारी जिले में न सिर्फ पहुंची है बल्कि इस बीमारी से ज्यादा संख्या में लोग ग्रसित हो रहे हैं। बीमारी से बचाने के लिए जन जागरूकता और जांच अभी तक मात्र साधन रहा है। जबकि जिस तरह से बीमारी फैल रही है उससे लोगों को बचाने के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत है। आंकड़े यह बताते हैं कि बीमारी फैलाने में बाहर से आने वाले जिम्मेदार हैं। बताया जा रहा कि यह बीमारी वाहन चालकों तथा दूसरे राज्यों में काम करने वाले मजदूर तपके के लोगों में ज्यादातर यह बीमारी पाई जा रही है जिससे साफ है कि दूसरे राज्यों में काम और रोजगार करने के लिए जाने वाले लोगों को इस बीमारी का शिकार होना पड़ रहा है।
8 जिलों से पहुंचे हैं मरीज
रीवा के संजय गांधी अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज में बनाए गए जांच केन्द्र में रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और पन्ना जिले के मरीज परीक्षण कराने के लिए पहुंचते हैं। डॉक्टरों की माने तो शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक प्रसूता महिला तथा टीबी रोगी मरीजों की जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है। जबकि इस वर्ष एचआईवी जांच प्रत्येक व्यक्ति का नारा दिया जा रहा है। यानी कि सामान्य आदमी को भी एचआईवी जांच कराए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
528 लोगों ने नहीं लिया शासन का लाभ
प्रदेश सरकार एचआईवी से ग्रसित मरीजों के लिए अन्नपूर्णा योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ दे रही है। जांच केन्द्र शुरू होने के बाद से 982 एचआईवी पीड़ित ऐसे मरीजों को योजना का लाभ दिए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया था जिसमें से 528 पीड़ित मरीज शासन की योजना का लाभ लेने से इंकार कर दिए। जबकि 332 मरीजों को अन्नपूर्णा सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।
निकाली जाएगी रैली
एक दिसम्बर को मनाए जाने वाले एड्स दिवस को लेकर डॉक्टर एवं कार्यकर्ताओं द्वारा एक जन जागरूकता रैली शनिवार की सुबह 10 बजे संजय गांधी अस्पताल के ओपीडी से निकाली जाएगी। यह रैली स्लिम बस्तियों सहित अन्य क्षेत्रों में भ्रमण करके एड्स के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा और उन्हें बीमारी तथा उससे आने वाली समस्या और जांच सुविधा आदि की जानकारी दी जाएगी। साथ ही मेडिकल कालेज में एक क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रथम, द्वितीय और तीसरा स्थान पाने वालों को पुरस्कृत करके उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जागरूकता के लिए जिले के 37 कालेजों को भी रेड रिबन के माध्यम से जोड़ा गया है। जिससे युवा पीढ़ी इस बीमारी से अवगत हो और अपने आप को सुरक्षित रख सकें।
मरीजों पर एक नजर
चाकघाट में 4, मऊगंज में 2, नईगढ़ी में 4, हनुमना में 2, गोविंदगढ़ में 1, शहर मुख्यालय में 3, शहरी क्षेत्र में 35 व जिले से बाहर 26 लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं जिन्हें मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। वर्ष 2008 में केवल अब तक 1 मौत हुई है। जबकि जिले के गोविंदगढ़ में मां से संतान को एड्स के प्रकरण सामने आए हैं। एक ही परिवार में 4 लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं।
वर्ष-नमूने की संख्या-कुल मरीज-एचआईवी से मौत
2014-1697-117-3
2015-5459-304-13
2016-9782-309-4
2017-14782-276-7
2018-19752-296-1
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बच्चों को बचाने के लिए गर्भवती माताएं एवं टीबी मरीजों की जांच अनिवार्य रूप से की जाती है। इस वर्ष सामान्य व्यक्ति को भी जांच कराए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। वाहन चालक और काम की तलाश से बाहर जाने वाले लोगों में ज्यादातर यह बीमारी पाई जा रही है।-डॉ. बीपी मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी