नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में 4 जुलाई को हुई सरोज दुबे की आत्महत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। शुरुआती जांच में पुलिस को यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हुआ था, लेकिन परिजनों के बयान और साइबर सेल की जांच के बाद पूरा मामला साइबर ठगी से जुड़ा निकला। ठगी से परेशान होकर सरोज दुबे ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचते हुए राजस्थान के अलवर जिले के खैरथल तिजारा क्षेत्र के गांव घोड़ा थाना किशनगढ़ बास में दबिश देकर तीन आरोपियों जुबेर खान, यासीन मोहम्मद और शब्बीर खान को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन और तीन अलग-अलग बैंकों के खातों की जानकारी मिली है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि इन्होंने और कितने लोगों को इसी तरह ठगा है।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने सरोज दुबे को पुराने नोट और सिक्के खरीदने के बहाने 37,000 हजार रुपये की ठगी का शिकार बनाया था और लगातार पैसों की मांग कर रहे थे। इसी मानसिक तनाव में आकर सरोज दुबे ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। उन्होंने यह रकम चुकाने के लिए अपने रिश्तेदारों से कर्ज भी लिया था।
इस गंभीर मामले के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने दो विशेष टीमों का गठन किया था। एक टीम की अगुवाई साइबर सेल प्रभारी वीरेंद्र पटेल और थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह बघेल ने की, जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व सिटी कोतवाली थाना प्रभारी कर रहे थे। आरोपितों को रीवा लाकर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इस पूछताछ से और भी साइबर ठगी के मामलों का खुलासा होगा।