रीवा, नईदुनिया प्रतिनिधि। रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन बॉर्डर से ढाई सौ किमी दूर ब्लैकसी में मध्य प्रदेश के रीवा जिले के शहर की नुसरत जहां फंसी हुई है। जो कि लगातार अपने माता-पिता से व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए बातचीत कर रही हैं। बता दें कि नुसरत रीवा जिले के तीसरी छात्रा है जो कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। मिली जानकारी में बताया गया है कि बीती शाम स्वजन से बातचीत करते हुए नुसरत ने बताया कि 500 मीटर की दूरी में धमाके हो रहे है। इस क्षेत्र में जमकर ठंड भी पड़ रही है। ऐसे में बाहर निकलना चुनौती है।
नुसरत ने कहा कि चारों तरफ बमबारी हो रही है। उसके साथ एक बंकर में कई छात्रों का भारतीय दल शरण ले रखा है। लेकिन किसी के पास खाने पीने का सामान पर्याप्त नहीं है। पूरा बाजार बंद है। चारों तरफ सिर्फ सायरन की आवाज सुनाई से रही है। यहां आदेश जारी किया गया है कि जब सायरन की आवाज बंद हो तभी बाहर निकलें।
पिता शील-मुहर व मां करती है सिलाई: छोटी दरगाह के पास रहने वाली नुसरत जहां के पिता शकील और मां शकीला ने अपनी इकलौती बेटी को आभावों के बीच यूक्रेन पढ़ने भेजा था। उसकी पढ़ाई लगभग अंतिम चरण में थी। लेकिन इसके पहले ही रूस-यूक्रेन जंग में नुसरत फंस गई। शकील ने बताया कि उनकी शील मुहर की दुकान है। पत्नी सिलाई कढ़ाई में मिलने वाले पैसे को जोड़ जोड़कर बेटी को एमबीबीएस की पढ़ाई करा रहे थे। उसका लास्ट ईयर ही चल रहा था।
ठंड के साथ भूख की समस्या: पिता शकील ने बताया कि बेटी नुसरत जहां फंसी है। वहां का पारा माइनस के आसपास पहुंच गया है। ऐसे में बंकर के अंदर फंसे बच्चे भूख के साथ-साथ ठंड से लड़ रहे है। बाजार और माल बंद होने से वहां फंसे लोगों के पास खाने-पीने का भी संकट गहराता जा रहा है। सभी छात्रों ने भारत सरकार से मदद मांगी है। बताया गया है कि नुसरत ने पहले मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन से बात की थी प्रबंधन द्वारा हॉस्टल आने की सलाह दी गई थी लेकिन उसी समय बमबारी तेज होने के कारण नुसरत अन्य लोगों के साथ बनकर में छुप गई है।
तीन छात्रों का आ चुका यूक्रेन में फंसे होने का मामला: बताते चले कि रीवा जिले के तीन छात्रों का यूक्रेन में फंसने होने का मामला सामने आ चुका है। पहला जवा तहसील क्षेत्र के रामबाग गांव का प्रज्जवल तिवारी हमले के एक घंटे पहले सुरक्षित निकल आया है। वहीं दूसरा शहर के विवेकानंद कालोनी की रहने वाल साक्षी सिंह। जो अब सुरक्षित रोमानिया बॉर्डर पहुंच चुकी है। अब तीसरी छात्रा नुसरत जहां बस फंसी है। वहीं तीसरी छात्रा नुसरत जहां के माता-पिता लगातार इबादत कर उस खैरियत रहने की दुआ कर रहे हैं।
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हम लगातार जानकारी ले रहे हैं। बीती रात हमें पता चला कि छोटी दरगाह की रहने वाली नुसरत भी यूक्रेन में फंसी हुई है। जिसकी जानकारी हम शासन को भेज रहे हैं, जिससे उन्हें समय रहते मदद मिल सके।
शैलेंद्र सिंह, एडीएम, रीवा।