सागर(नवदुनिया प्रतिनिधि)।
श्री दिगंबर जैन तपोवन अतिशय क्षेत्र सिदगुवां में 1008 श्री पदम प्रभु भगवान का जन्म एवं तप कल्याणक मनाया गया। इस अवसर पर वीर बंधुओं द्वारा निर्माण लाडू चढ़ाया गया। जैन मिलन मकरोनिया क्षेत्र क्रमांक 10 के सदस्यों ने पहुंचकर भगवान का अभिषेक शांतिधारा पूजा विधान किया व आचार्यश्री निर्भय सागर के सानिध्य में निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।
जैन मिलन के साथ-साथ भारतीय जैन संगठन के सदस्य सचिव सुकुमाल जैन भी उपस्थित थे। वैज्ञानिक संत आचार्यश्री निर्भय सागर ने अपने प्रवचनों के माध्यम से बताया कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को पदम प्रभु भगवान का जन्म एवं तप कल्याणक पभोसाजी, प्रभाषगिरी में हुआ था। जैन मिलन अध्यक्ष एवं महामंत्री चातुर्मास कमेटी तपोवन तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री सुरेश जैन ने बताया कि विश्व की प्रथम पद्मासन प्रतिमा अतिशय क्षेत्र सिदगुवां फोरलाइन के समीप सागर में विराजमान की गई है, जिसके कई अतिशय आए दिन हो रहे हैं व लोगों की मनोकामना पूर्ण हो रही है। देश-विदेश के यात्री यहां पर आकर भगवान पदम प्रभु की आराधना कर रहें है व यहां पर रहकर अभिषेक शांतिधारा पूजा विधान कर रहे हैं। इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष एवं जैन मिलन उपाध्यक्ष संपत जैन, ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष सवाई सिंघई, पवन जैन, शरद जैन, सुकुमाल जैन, रितेश जैन, सूरज जैन, प्रकाश जैन, सुमत जैन, रवि जैन, अनिल जैन व कार्यक्रम संयोजक अशोक जैन उपस्थित थे।