सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)।
सागर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत भैंसवाही में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। भैंसवाही में करीब चार साल पहले उप-स्वास्थ्य केंद्र का भवन तैयार हुआ। हालांकि स्टाफ की पदस्थापना चार साल पहले हो गई थी। वर्ष 2018 में समारोह पूर्वक जब इस भवन का शिलान्यास हुआ तो भैंसवाही सहित आसपास के लोगों को उम्मीद जगी थी कि इससे स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस स्वास्थ्य केंद्र में आज तक डाक्टर पदस्थ नहीं किए गए। वहीं यहां पदस्थ एएनएम भी कभी-कभी ही वहां पहुंचती हैं। गांववालों का कहना है कि तबियत खराब होने पर गांववालों को परसोरिया, ढाना या सागर जाना पड़ता है। यहां पदस्थ एएनएम सप्ताह में एक-दो दिन ही आती हैं। आशा कार्यकर्ता भी ध्यान नहीं दे रही हैं।
यहां भवन तो बने लेकिन व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं
जानकारी के मुताबिक मालथौन के अटाटीला, अंडेला व खिरियाकलां, पड़रिया (शाहपुर), भैंसवाही (शाहपुर), पिपरिया भटौली (गढ़ाकोटा), जामघाट (रहली), बूढ़ाखेड़ा (बंडा), डीलाखेड़ी (बंडा), घोघरा (बंडा), मंजला (बंडा) और नाऊखेड़ा (खुरई) में उपस्वास्थ्य केंद्र के लिए वर्ष 2018-19 में भवन बनकर हुए हैं। यहां भवन तो बन गए लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं। यहां के लोग उपचार के लिए तहसील मुख्यालय या जिला मुख्यालय ही आते हैं।
रोड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत भी बदतर
मालथौन तहसील क्षेत्र के रोड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को प्राथमिक इलाज भी नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि महीने में कभी-कभार ही डाक्टर केंद्र पर पहुंचते हैं। अस्पताल का फर्नीचर और दवाएं धूल खा रही हैं। रोड केंद्र पर 40-50 लोग इलाज कारने आते हैं। मरीजों की इलाज करने के लिए डाक्टरों की नियुक्ति भी की गई है, लेकिन डाक्टर कभी कभार ही स्वास्थ्य केंद्र में आते हैं। अस्पताल के फर्श और टेबल पर जमी धूल इस बात की गवाही दे रही हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नियमित रूप से नहीं खुल रहा है। स्वास्थ्य केंद्र के सूचना पटल पर उपलब्ध दवाओं का ब्यौरा लिखा हुआ है, लेकिन दवा देने के लिए डाक्टर न होने के कारण बड़ी मात्रा में दवाओं की उपयोगिता तारीख निकल चुकी है। भवन भी पूरी तरह बदहाल है। सीएमएचओ डा. डीके गोस्वामी का कहना है कि कई जगह स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है। आसपास के क्षेत्रों से सप्ताह में एक-दो दिन डाक्टर भेजे जाते हैं, जो उप व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था संभालते हैं।