
बीना (नवदुनिया न्यूज)। कोरोना काल में रेलवे का अभिन्न अंग कुलियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना के डर से सवारी गाड़ियां खाली चल रही हैं। इससे कुलियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। चंद रुपयों की आश लगाए कुली रेलवे स्टेशन पर दिन भर बैठे रहते हैं, लेकिन लगेज न मिलने से कुलियों का गुजारा भी नहीं चल रहा है। ऐसी स्थिति में कुलियों ने रेलवे से मदद की गुहार लगाई है।
बीना रेलवे स्टेशन पर रजिस्टर्ड कुलियों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। इसमें से कुछ तो 40 साल से स्टेशन पर कुलीगिरी कर रहे हैं। लेकिन ऐसा दौर उन्होंने कभी नहीं देखा। पिछले साल टोटल लॉकडाउन होने के कारण रोजगार छिन गया और इस साल कोरोना कर्फ्यू में सभी कुली बेरोजगार हो गए हैं। ज्यादातर कुली सामान्य दिनों की तरह रोज सुबह से रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं। ट्रेन आने का एनाउंसमेंट होते ही कुली दौड़कर प्लेटफार्म पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने उम्मीद रहता है कि कोई तो उन्हें लगेज देगा, लेकिन ट्रेनें खाली चलने के कारण कई दिनों से कुलियों का बोवनी भी नहीं हो रही है। रेलवे स्टेशन पर सन 1980 से कुलीगिरी कर रहे रामसिंह राय ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में बेरोजगार हो गए हैं। सवारी ट्रेनें खाली चलने से कई दिनों से बोवनी भी नहीं हो रही है। सुबह रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और शाम को खाली हाथ घर लौट आते हैं। यह सिलसिला करीब एक माह से चल रहा है। उन्होंने बताया कि दुकानों से उधार राशन लेकर काम चला रहा हैं, लेकिन अब तक दुकानदार ने भी राशन देने से मना कर दिया है। उन्होंने सालों से रेलवे की सेवा कर रहे कुलियों की संकट के दौरान में आर्थिक मदद करने की अपील की है।
पंजाब मेल से उतरे चार यात्री
सोमवार दोपहर करीब 12 बजे रेलवे स्टेशन के ओवर ब्रिज पर बैठकर कुछ कुली पंजाब मेल आने का इंतजार कर रहे थे। दोपहर करीब सवा 12 बजे ट्रेन आने से पहले ही कुली प्लेटफार्म पर पहुंच गए। लेकिन ट्रेन से सिर्फ चार यात्री बाहर आए। वह भी अपना-अपना लगेज लेकर स्टेशन के बाहर निकल गए। कुलियों की उम्मीद की ट्रेन उनकी निराशा लेकर आई ओर वह खाली हाथ प्लेटफार्म से बाहर आ गए। इसी तरह कुलियों के हाथ निराश के सिबा कुछ नहीं लग रहा है।
कुलियों की मदद की मांग उठाएंगे
कुलियों को आर्धिक मदद को कोई प्रावधान नहीं है। रजिस्टर्ड कुलियों के सिर्फ पास की सुविधा दी जाती है। मैं समझ सकता हूं कि कोरोना काल में कुली बुरे दौर से गुजर रहे हैं। मैं यूनियन की ओर से कुलियों को आर्धिक मदद मुहैया कराने की बात रखूंगा। यदि संभव होगा तो उन्हें रेलवे आर्थिक मदद दिलाई जाएगी।
एसके जैन, जोनल महासचिव, डब्ल्यूसीआरइयू, बीना