बीना (नवदुनिया न्यूज)। बेतवा नदी में अज्ञात कारणों के चलते लाखों की संख्या में मछलियां मर गई हैं। स्थिति यह है कि नदी की ऊपरी तरह मछिलयों के कारण सफेद दिखने लगी है। चार साल पहले बारिश के मौसम में इसी तरह करोड़ों की संख्या में मछलियां मर गई थी। आधिकारिक स्तर पर इसकी जांच की गई थी, लेकिन मछलियों के मरने का कारण सामने नहीं आया है। इस बार फिर लाखों की संख्या में मछलिया मर गई हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह 9 बजे तक नदी में एक भी मरी हुई मछली नहीं दिख रही थी, लेकिन दोपहर बाद नदी में अचानक से मछलियां मरने लगी। शाम होते-होते असंख्य मछलियों ने दम तोड़ दिया। स्थिति यह है कि मरी हुईं मछलियां के कारण पानी की ऊपरी सतह सफेद दिखने लगी है। जेपी के बैराज से लेकर बीना-मुंगावली के पुल तक भारी संख्या में मछलियां मरी हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि छोटी से लेकर चार-चार किलो वजन की बड़ी मछलियां मर गई हैं। इसे लेकर ग्रामीण कई तरह के कयास लगा रहे हैं। कोई कह रहा है कि मछलियां मारने के लिए नदी में जहर डाला गय तो कोई कह कह रहा कि नदी में कोई जहरीला कैमिकल छोड़ा गया है, इससे इतनी दातात में मछलियां मरी हैं। एक साथ इतनी मात्रा में मछलियां मरने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केमिकल या जहर कितनी घातक होगी कि पानी में घुलते ही लाखों की संख्या में मछलियां मर गई हैं। यदि इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाए तो मछलियां मरने का पूरा मामला सामने आ जाएगा।

चार साल पहले मरी थी मछलियां

जिस तरह सोमवार को नदी में मछलियां मरी उसी तरह चार साल पहले करोड़ों की संख्या में मछलियां मरी थीं। हैरानी की बात तो यह है कि उस समय भी बारिश का मौसम था। नदी के पानी में तेज बहाव होने के बाद भी नदी के दोनों किनारों पर मछलियों के ढेर गए थे। जांच के नाम पर अधिकारी खाना पूर्ति करके चलते गए थे। आज तक मछलियां मरने का कारण सामने नहीं आया है।

मतस्य विभाग से जांच कराएंगे

मेरे पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं आई है। यदि नदी में मछलिया मरी हैं तो कारण पता करने के लिए जांच कराई जाएगी। मतस्य विभाग के अधिकारियों को बुलाया जाएगा। कारण सामने आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

प्रकाश नायक, एसडीएम, बीना

Posted By: Nai Dunia News Network

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