सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर जेल में परेशानी बढ़ा सकती है। यदि यह लहर आती है तो इसका असर जेल में पड़ेगा और कोरोना संक्रमण के नियमों का पालन कराना मुश्किल होगा। हांलाकि इससे पहले कोरोना की दो लहरों में कई कैदियों पर पैरोल पर भेज दिया था, लेकिन हालात बदलते ही बंदियों को वापस बुलाया। यदि 12 दिसंबर की बात करें तो केंद्रीय जेल की क्षमता तो 894 बंदियों की है, लेकिन इसमें 1796 बंदी बंद हैं। एक-एक बैरक में 50 से 60 बंदी बंद हैं। केंद्रीय जेल के अष्टकोण अधिकारी नागेंद्र चौधरी का कहना है कि जेल में यह समस्या सालों से चली आ रही है। क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान बहुत सतर्कता बरती गई।
पैरोल पर भेजे थे बंदी
जेल में बंदियों की संख्या क्षमता से अधिक होने की वजह से कोरोन संक्रमण की पहली व दूसरी लहर पर कई बंदियों को 60 से 70 दिन तक छुट्टी देकर पैरोल पर भेजा गया था। स्थिति सामान्य होते ही पैरोल खत्म की गई थी।
वर्तमान में यह है स्थिति
जानकारी के मुताबिक सागर केंद्रीय जेल कुल 894 बंदियों की क्षमता वाला जेल है, लेकिन वर्तमान में 171758 बंदी बंद हैं। बंदियों की अधिक संख्या होने से एक-एक बैरक में 50 से 60 बंदी रह रहे हैं। इन बंदियों में जहां 1306 बंदी सजायाफ्ता तो 452 विचारधीन बंदी हैं। इनमें 9 बच्चे भी अपने माताओं साथ जेल में रह रहे हैं।
जेल में अभी भी सतर्कता बरत रहे हैं
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खत्म होने के बाद पैरोल पर भेजे गए बंदी वापस आ गए थे। यह सही है कि बंदी की संख्या क्षमता से दोगुनी है, लेकिन अभी भी जेल में कोरोना के नियमों का पालन हो रहा है। सभी बंदी मास्क लगाए रहते हैं। नया बंदी ओन पर उसकी जांच कराई जाती है। बंदियों के मिलने की समय में कटौती की है।
राकेश भांगरे, जेल अधीक्षक सागर