बीना (नवदुनिया न्यूज)। नई बस्ती श्मशान घाट के पास रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर पार्क विकसित करने के लिए विधायक ने कई प्रयास किए थे। उनके प्रयास के बाद रेलवे ने नई बस्ती में खाली पड़ी जमीन पर पार्क विकसित करने की सहमति दी थी। बारिश शुरू होने से पहले रेलवे और नगरपालिका की ओर से पार्क में एक हजार से ज्यादा पौधे लगवाए थे, लेकिन रेलवे ने पार्क की देखरेख नहीं की, जिससे पूरी पार्क उजड़ गया है। छह दिन पहले विधायक महेश राय ने यह मुद्दा उठाया था, बावजूद इसके रेलवे अधिकारियों ने पार्क पर ध्यान नहीं दिया है।
दरअसल बीना शहर में शासकीय भूमि न होने के कारण एक भी व्यवस्थित पार्क विकसित नहीं हो पा रहा है। जबकि शहर में रेलवे की सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है। इसके चलते विधायक ने रेलवे अधिकारियों को नईबस्ती में खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर पार्क विकसित करने का सुझाव दिया था। उन्होंने बताया था कि पार्क में 5 हजार से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। इसे देखते हुए रेलवे ने पार्क विकसित करने की सहमति दी थी। पार्क विकसित करने के लिए रेलवे ने करीब 10 एकड़ तार फेंसिंग कराई थी। फेंसिंग के अंदर विशेष अभियान के तहत विधायक महेश राय ने पिछले साल जुलाई में एक हजार से पौधे लगवाए थे। पार्क में महोत्सव के तहत पौधा रोपण किया था। नगर पालिका को हैंडओवर न होने तक पार्क की देखरेख का जिम्मा रेलवे का था। लेकिन स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने पार्क की देखरेख नहीं की। शरारती तत्व फेंसिंग का तार काटकर ले गए। इससे बेसहारा गोवंश पार्क में लगाए गए पौधे चारे के साथ खा गए हैं। पार्क पूरी तरह से वीरान हो गया गया है।
विधायक ने उठाया था मुद्दा
रेलवे स्टेशन पर दो मई को एस्केलेटर चालू करने के लिए रेलवे ने लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें अतिथि के रूप में सांसद राजबहादुर और विधायक महेश राय शामिल हुए थे। इस दौरान विधायक ने पार्क की अनदेखी का मुद्दा उठाया था। इसके अलावा सांसद ने भी कहा था कि जिस स्थान पर शहर का कचरा फेंका जाता था उस स्थान की सफाई कराकर पार्क विकसित करना सराहनीय कमद था। लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने जन प्रतिनिधियों की बात को अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा था मुझे बेहद अफसोस है कि रेलवे के अधिकारी हमारी बातों पर गौर नहीं करते हैं। उन्हें एडीआरएम गौरव सिंह से कहा था कि पार्क की देखरेख कराएं, ताकि इस बार पार्क में फिर से पौधा रोपण किया जा सके, लेकिन अब तक अधिकारियों ने पार्क की सुध नहीं ली है।
टाय ट्रेन चलाने का था प्लान
पार्क के लिए रेलवे से पर्याप्त जगह मिलने के बाद नपा ने पार्क को विकसित करने की योजना बनाई थी। रिफाइनरी के सहयोग से पार्क में रनिंग ट्रैक, फिसल पट्टी, झूला लगाने के साथ-साथ टाय ट्रेन चलाने की योजना थी। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण पूरी योजना पर पानी फिर गया है। देखरेख के अभाव में पार्क गोवंश का आश्रय स्थल बन गया है।