सागर(नवदुनिया प्रतिनिधि)। बीना-कटनी सेक्शन में तीसरी लाइन बिछाने के साथ कार्य में विस्तार शुरू होने लगा है। सागर से नरयावली तक तीसरी रेलवे लाइन का उपयोग करते हुए ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद अब पहली बार दो मालगाड़ियों को आपस में जोड़कर सागर से रवाना किया जाना लगा है। इससे एक लाइन पर एक साथ दो मालगाड़ी निकलने से समय की बचत होगी। वहीं रेलवे के इस प्रयोग में लंबा समय लगने के कारण करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा तक रेलवे गेट बंद रहा, जिससे यात्रियों के लिए काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
दरअसल बीना-कटनी सेक्शन में तीसरी लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है। सागर से नरयावली तक ट्रेनें यहां से गुजरने भी लगी हैं और इससे आगे की लाइन बिछाने का कार्य भी चल रहा है। बीना-कटनी सेक्शन में सवारी गाड़ी की अपेक्षा सबसे ज्यादा मालगाड़ी गुजरती हैं, जिसके चलते अब यहां इसलिए रेलवे प्रशासन द्वारा दो मालगाड़ी को जोड़कर आगे ले जाने का प्रयोग शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार पिछले पांच दिनों में दूसरी बार सागर से दो मालगाड़ी जोड़कर कोटा की ओर रवाना करने पर कार्य चल रहा है। हालांकि इस पूरे काम में करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा समय लग जाता है, लेकिन इससे रेलवे को काफी फायदा पहुंचता है।
दो मालगाड़ी की 120 बोगी आपस में जोड़ी, दो गेट भी हो चुके बंद
लांगहाल मालगाड़ी बनाकर चलाने में 60-60 बोगी की मालगाड़ी को आपस में जोड़कर चलाया जाता है। एक साथ 120 डिब्बों की मालगाड़ी चलाने में ट्रेन आम मालगाड़ी की अपेक्षा दोगुनी लंबी हो जाती है। यह ट्रेन इतनी लंबी हो जाती है कि स्टेशन से रेलवे ओवरब्रिज तक मालगाड़ी की बोगियां ही बोगियां नजर आती हैं। सागर रेलवे स्टेशन से रेलवे गेट के बीच कई मुख्य मार्ग हैं, जिस कारण यहां पास-पास रेलवे गेट बने हुए हैं। फिलहाल स्टेशन से अप्सरा टाकीज और भूतेश्वर मंदिर के पास बने दो रेलवे गेटों को रेलवे प्रशासन पहले ही बंद कर चुका है। इस बीच रेलवे ओवरब्रिज का गेट खुला होने से यहां लोगों को परेशानी होगी।
दोपहर करीब ढाई बजे से चार बजे तक गेट बंद रहा
दो मालगाड़ियों को आपस में जोड़ने में करीब डेढ़ घंटे तक का समय लग जाता है, जिस कारण राहतगढ़ फाटक तक का गेट बंद रहा। इस गेट के बंद होने में दोपहर करीब ढाई बजे से चार बजे तक गेट बंद रहा, जिससे राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ा। ट्रेन गुजरने का सोचकर लोग यहां अपने वाहन लेकर खड़े रहे, लेकिन करीब दस मिनट से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी ट्रेन आगे नहीं बढ़ी तो लोग रेलवे ओवरब्रिज के ऊपर से निकलते हुए नजर आए। वहीं यहां से पैदल गुजरने वाले राहगीरों ने जान जोखिम में डालकर मालगाड़ी के नीचे और ऊपर से निकलते हुए दिखे। भविष्य में इस तरह कार्य करने के दौरान यदि यहां कोई सूचना चस्पा की जाएगी तो लोग कम परेशान होंगे।
समय की होगी बचत, एक साथ निकल सकेंगी दो गाड़ी
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेलवे के इस कार्य से एक ही रूट पर एक-साथ दो मालगाड़ी को चलाया जा सकेगा। इस दौरान स्टाफ तो उतना ही लगेगा, लेकिन ट्रेनों को निकालने में समय की काफी बचत होगी। इस सेक्शन से कई मालगाड़ी गुजरती हैं, जिससे रेलवे के लिए काफी फायदा होगा, लेकिन यदि शहर के लोगों की बात की जाए तो रेलवे गेट बंद होने से राहतगढ़ बस स्टैंड के पास लोगों को जरूर परेशानी होगी। राहगीर बबलू प्रसाद का कहना है कि मैं मंडी से अपने घर जा रहा हूं, लेकिन यहां गेट बंद होने से काफी देर तक इंतजार करता रहा और जब गेट नहीं खुला तो मैं लंबी दूरी तय करके दूसरे रास्ते से जा रहा हूं। इस तरह अन्य कई राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
सागर से नरयावली स्टेशन तक तीसरी लाइन के परिचालन में विस्तार किया जा रहा है। इसलिए पहली बार अब यहां दो मालगाड़ी को जोड़कर कोटा की ओर भेजा जा रहा है। इससे एक ही रूट पर एक साथ दो मालगाड़ी निकल सकेंगी, जिससे समय की भी बचत होगी। इस कार्य में करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है, जिस कारण रेलवे गेट बंद रखा गया है।
- नरेंद्र कुमार सिंह, स्टेशन प्रबंधक सागर