नवदुनिया न्यूज, बीना। जेपी कंपनी के थर्मल पावर प्लांट में कर्मचारी की मौत के लगभग सात दिन बाद एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह ने आठ सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। यह कमेटी कर्मचारी की मृत्यु के कारणों सहित प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर भी जांच करेगी। सात दिन में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौंपेगी।
26 सितंबर को कोल हैंडलिंग प्लांट के अंदर काम के दौरान ग्राम जौध निवासी सरदार सिंह पिता रामप्रसाद चढ़ार उम्र 48 वर्ष की मौत हो गई थी। एक अन्य मजदूर वकील खान घायल हुआ था। हादसे के बाद मृतक के स्वजनों व ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए देर रात तक प्रदर्शन किया था।
शव को प्लांट के मुख्य प्रवेश द्वार पर रखकर शाम 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक चले आंदोलन के बाद भी स्वजनों के हाथ सिवाय आश्वासन और 3 लाख के चैक के कुछ नहीं लगा था। मामले में लगातार शिकायतों, इसके पहले हुए मामलों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों पर लगातार प्लांट प्रबंधन का पक्ष लेने के आरोप लग रहे थे।
जिसके बाद एसडीएम ने एक आठ सदस्यीय टीम गठित कर सात दिन की समय सीमा निश्चित की है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि समिति कर्मचारी की मृत्यु के कारणों सहित प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर भी अपनी रिपोर्ट देगी।
घटना की जांच के लिए गठित की गई टीम में तहसीलादर सुनील शर्मा, एसडीईओ आरईएस ऋतु जैन, बीएमओ डा अरविंद गौर, भानगढ़ थाना प्रभारी सत्येंद्र भदौरिया, सिरचौंपी पुलिस चौकी प्रभारी हरिसिंह तोमर, सहायक प्रबंधक जिला व्यापार और उद्योग केंद्र सागर महेश पाल, श्रम निरीक्षक देवेंद्र लोधी तथा थर्मल प्लांट के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।
समिति सात दिन में जांच कर रिपोर्ट एसडीएम को देगी।दो माह में तीन मौतें, कार्रवाई कुछ नहींप्लांट में दो माह में तीन मौतें हो चुकी हैं। दो मौतें दुर्घटना से हुई हैं तथा एक मौत बीमारी के कारण कार्य के दौरान मजदूर की हुई थी। तीनों मामलों में कार्रवाई प्लांट प्रबंधन के विरुद्ध अभी तक नहीं की गई। जबकि किसान सहित ग्रामीण बार-बार प्लांट प्रबंधन पर स्थानीय किसानों की अनदेखी करने, प्लांट में मजदूरों को निर्धारित दर अनुसार वेतन नहीं देने, प्लांट में सुरक्षा उपायों की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं।