पागल कुत्ते का आतंक: सागर में आठ लोगों को काटा, एक का चेहरा गंभीर रूप से नोच खाया
MP News: सागर शहर के विठ्ठल नगर वार्ड में रविवार को पागल श्वान ने छोटे बच्चों समेत कुल आठ लोगों पर हमला कर दिया। पीड़ितों में शामिल 50 वर्षीय मूंगफली विक्रेता का गाल बुरी तरह फट गया और मांस तक उधड़ गया। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे टांके लगाए गए।
Publish Date: Mon, 29 Sep 2025 01:08:29 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Sep 2025 01:21:12 PM (IST)
कुत्ते के काटने पर बरतें सावधानियाँ।HighLights
- सागर के विठ्ठल नगर वार्ड में पागल कुत्ते ने किया हमला।
- बच्चों समेत आठ लोग श्वान के हमले का शिकार।
- कुत्ते के काटने पर बरतें ये सावधानियाँ।
नईदुनिया प्रतिनिधि, सागर। शहर के विठ्ठल नगर वार्ड में रविवार को पागल श्वान ने छोटे बच्चों समेत कुल आठ लोगों पर हमला कर दिया। पीड़ितों में शामिल 50 वर्षीय मूंगफली विक्रेता का गाल बुरी तरह फट गया और मांस तक उधड़ गया। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे टांके लगाए गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भूरे-लाल रंग का श्वान सुबह से ही वार्ड में घूम रहा था और राह चलते लोगों को निशाना बना रहा था। यह न सिर्फ इंसानों पर, बल्कि दूसरे श्वानों और गायों के पीछे भी दौड़ता नजर आया। स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल बना रहा और कई लोग लाठियां लेकर सड़कों पर उसे भगाते दिखे। श्वान ने पहले 50 वर्षीय बबलू जाटव पर किया जो सुबह-सुबह घर से मूंगफली बेचने निकले थे।
कुत्ते के काटने पर बरतें ये सावधानियाँ
1. घाव को तुरंत धोएं
- काटे हुए स्थान को तुरंत नल के बहते पानी से 10–15 मिनट तक अच्छी तरह धोएं।
- साबुन का इस्तेमाल ज़रूर करें, ताकि लार में मौजूद वायरस या बैक्टीरिया साफ हो जाए।
2. एंटीसेप्टिक लगाएं
- धोने के बाद घाव पर एंटीसेप्टिक (जैसे आयोडीन या स्पिरिट) लगाएं।
- अगर कुछ भी न हो तो हल्का नमक पानी भी काम आ सकता है।
3. पट्टी न बाँधें
- घाव को बहुत कसकर पट्टी से न ढकें। हवा लगने दें, ताकि संक्रमण कम फैले।
- जरूरत पड़ने पर हल्की ढीली पट्टी करें।
4. डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
- पास के स्वास्थ्य केंद्र/डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।
- डॉक्टर आपको एंटी-रेबीज़ वैक्सीन (ARV) और जरूरत पड़ने पर एंटी-टिटनेस इंजेक्शन देंगे।
5. कुत्ते पर नज़र रखें
- अगर संभव हो तो जिसने काटा है उस कुत्ते पर 10 दिन तक ध्यान रखें।
- अगर कुत्ता बीमार पड़ता है या मर जाता है, तो यह डॉक्टर को ज़रूर बताएं।
6. घरेलू इलाज पर भरोसा न करें
- तेल, हल्दी, मिर्च, मिट्टी आदि लगाने से संक्रमण और बढ़ सकता है।
- हमेशा वैज्ञानिक तरीके (धोना + एंटीसेप्टिक + डॉक्टर) अपनाएँ।
7. टीकाकरण की पूरी डोज़ लें
- डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी इंजेक्शन (वैक्सीन) समय पर और पूरी तरह लगवाएँ।
- बीच में रोकना या मिस करना खतरनाक हो सकता है।