
विष्णु सोनी, नईदुनिया, सागर। एक खास वर्ग की बढ़ती आबादी कैसे अपने पड़ोस के दूसरे वर्ग को परेशान कर देती है, सागर में इसकी चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। यहां के दो पुराने मोहल्लों शुक्रवारी और शनीचरी में हिंदू परिवार अपनी संपत्ति बेचकर दूसरे मोहल्लों और कॉलोनियों में रहने को मजबूर हो गए।
दोनों मोहल्लों में कभी मिश्रित आबादी थी। पिछले कुछ समय में यहां मुस्लिम आबादी इतनी तेजी से बढ़ी कि दोनों क्षेत्र अब मुस्लिम बहुल हो चुके हैं। यहां हिंदुओं का पलायन इतनी तेजी से हो रहा है कि जिला प्रशासन ने दोनों मोहल्लों में संपत्ति की खरीद-बिक्री यानी पंजीयन पर फिलहाल रोक लगा दी है।
विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अजय दुबे का कहना है कि इन क्षेत्रों में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए हिंदू घरों के बाहर मांस फेंका जाना, महिलाओं का उत्पीड़न और लव जिहाद के प्रयासों के कारण हिंदू समुदाय के लिए यहां घुटन वाली स्थिति पैदा की गई। जिन लोगों से बन पड़ा वे औने-पौने दाम में संपत्ति बेचकर अन्य क्षेत्रों में जाकर बस गए।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2020-21 से अब तक 68 हिंदू परिवारों के 288 लोग दोनों मोहल्ले छोड़ चुके हैं। उनमें से 41 परिवारों ने अपनी संपत्तियां मुसलमानों को बेची, क्योंकि वहां दूसरा कोई खरीदने को तैयार भी नहीं है। इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक भी पहुंची थी। बता दें, दोनों मोहल्लों में करीब सात हजार मतदाता हैं।
कलेक्टर संदीप जीआर ने जिला पंजीयक को पत्र जारी कर शनिचरी और शुक्रवारी क्षेत्र के हिंदू समाज के लोगों की संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। आदेश है कि यहां के लोग मकानों के क्रय-विक्रय के लिए पंजीयन कार्यालय में स्लाट बुक कराएं तो उसकी जानकारी एसडीएम को दी जाए। एसडीएम दोनों पक्षों का बयान लेकर यह जांच करेंगे कि इस सौदे में उनकी सहमति है या मजबूरन ऐसा करना पड़ रहा है। एसडीएम के संतुष्ट हो जाने के बाद ही संबंधित संपत्ति का पंजीयन होगा।
पलायन की बात सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने इन मोहल्लों में सक्रियता बढ़ा दी है। शिव सेना के उप राज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने बताया कि हम उनसे बाहरी दबाव और परेशान करने वाली हरकतों की जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ताकि समय रहते उनकी सहायता की जा सके।
कलेक्टर का आदेश आया है, जिसमें शुक्रवारी और शनिचरी मोहल्लों में संपत्ति के क्रय-विक्रय के पंजीयन को लेकर कहा गया है कि ऐसे मामलों की पहले एसडीएम जांच करेंगे। ऐसा इसलिए ताकि पता लगाया जा सके कि कोई किसी के दबाव में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है। - निधि जैन, जिला पंजीयक, सागर