
विष्णु सोनी, नईदुनिया, सागर। सागर शहर के शुक्रवारी और शनिचरी मोहल्लों से हिंदू परिवारों के पलायन का एक जैसा पैटर्न रहा है। सामने आ रहा है कि यह अचानक नहीं हुआ। पिछले पांच-छह वर्षों में पलायन की प्रवृत्ति तेज हुई है। पलायन कर चुके परिवारों ने बताया कि मुस्लिम आबादी बढ़ जाने के बाद माहौल ही बदल गया।
मोहल्ले की गलियों में मस्जिद, मदरसे, मांस की दुकानें और कबाड़ का काम शुरू हो गया। इससे जगह संकरी होती गई। राह चलते भी मुस्लिम वर्ग के लोग विवाद करने लगे। छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगा। भीड़ मारने-पीटने पर उतारू होने लगी। रोज-रोज के इस तरह के बखेड़े से तंग आकर हिंदू परिवारों ने पलायन करना शुरू कर दिया।
बता दें कि मध्य प्रदेश के सागर जिला मुख्यालय पर मुस्लिम बहुल शुक्रवारी व शनिचरी मोहल्लों से पांच वर्षों में 68 हिंदू परिवारों के पलायन कर जाने का मामला सामने आया है। यहां प्रशासन ने फिलहाल हिंदुओं की संपत्ति का पंजीयन किसी और को नाम करने पर रोक लगा दी है। यह मामला सामने आने के बाद नईदुनिया ने पीड़ितों से बातचीत की। उमाशंकर शर्मा अभी तिली क्षेत्र में रहते हैं। वह बताते हैं कि 2023 में उनको अपना पैतृक घर बेचकर यहां आना पड़ा। कुछ वर्ष पहले से वहां का माहौल एकदम से बदल गया था।
किसी न किसी बात पर अक्सर लोग विवाद कर लेते। 2021 में तो एक बार भीड़ ने उनका घर घेर लिया था। उस समय वे घर पर नहीं थे। वहां केवल महिलाएं और बच्चे थे। उस घटना ने परिवार को एकदम से डरा दिया। मुस्लिम समुदाय की वजह से यहां घर का कोई खरीददार भी नहीं मिल रहा था। मजबूरी में 25 लाख का मकान केवल साढ़े पांच लाख रुपये में बेचकर हटना पड़ा।
कभी शनिचरी चौगना में रहने वाली कंचन रैकवार अब मकरोनिया में किराये का मकान लेकर रहती हैं। कंचन के पति का निधन हो चुका है। वे दो बेटियों और एक बेटे की अकेली अभिभावक हैं। एक सरकारी कार्यालय में काम करती हैं। ऐसे ही विवादों की वजह से उनको बच्चों के लिए खतरा महसूस होने लगा था। उन्होंने वह मकान बेच दिया, जिसे उनके पति ने उनके लिए बनवाया था।
जिन परिवारों ने मकान बेचकर पलायन किया है, वे तो रिकार्ड पर हैं। लेकिन बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिनका मकान नहीं बिक पाया है, लेकिन वे पलायन कर गए हैं। ऐसे मकानों में ताला लगा हुआ है। शनिचरी, शुक्रवारी वार्ड के 15 से अधिक मकानों के बाहर बिकाऊ है का पोस्टर लगा हुआ है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से आए पत्र के बाद प्रशासन ने शुक्रवारी-शनिचरी मोहल्लों में कार्रवाई की थी। सुबह से बजने वाले लाउडस्पीकर को उतरवा दिया था। खुले में मांस, मछली बेचने वाली दुकानों को बंद करा दिया था। कुछ दिन बाद वे दुकानें फिर से खुल गईं। लाउडस्पीकर पर तेज आवाज फिर गूंजने लगी।
यहां के हिंदू परिवारों से बात हुई है। उनका कहना है कि घर के बाहर रात के समय अनावश्यक भीड़ लगाना, जन्मदिन का जश्न मनाना, डीजे बजाने जैसी हरकतें आए दिन की बात हैं। विरोध करने पर परिवार के सदस्यों पर भद्दी टिप्पणी की जाती है। लव जिहाद के भी कई प्रकरण यहां सामने आ चुके हैं। यही कारण है कि हिंदू परिवार अपने मकान बेचकर यहां से पलायन कर रहे हैं। - डॉ. उमेश सराफ, प्रांतीय सदस्य, हिंदू जागरण मंच।