सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सागर के नरयावली नाका श्मशान घाट के सुंदरीकरण में चार चांद और लगने वाले हैं। यहां पहले से ही लोगों को बैठने के लिए टिनशेड, छोटा सा पार्क, श्मशानघाट में भोलेबाबा की विशाल प्रतिमा विराजमान हैं। लोगों को शवदाह के लिए किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जलाऊ लकड़ी के अलावा गोकाष्ठ बनाने का काम भी होता है। रविवार को यहां विद्युत शवदाह का लोकार्पण हो रहा है। इसके साथ ही यहां एक बड़ा पार्क बनाया जा रहा है, जो शहर के अन्य पार्कों को टक्कर देता नजर आएगा। इससे श्मशान घाट के सुंदरीकरण में चार चांद और लग जाएंगे। पार्क का काम शुरू हो चुका है। शीघ्र ही यह पार्क बनकर तैयार होगा। इसका काम नगर निगम करा रहा है।
सालों पहले शुरू हुई थी श्मशान घाट को संवारने की योजना
सागर के नरयावली मुक्तिधाम को संवारने के लिए सालों से प्रयास हो रहे हैं। इसके लिए नगर निगम के अलावा समाजसेवियों का भी बहुत सहयोग रहा। शहर के बड़े संगठनों ने यहां पार्क, टिनशेड व बैठने के लिए कुर्सियों के अलावा अन्य तरह की व्यस्थाएं कराईं। यहां भगवान भोलेनाथ की विशाल प्रतिमा बनी है। जहां भगवान के भजन कीर्तन होते हैं। श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर ही आकर्षक गेट बनाया गया है।
विद्युत शवदाह के साथ बदलेगी श्मशानघाट की अवधारणा
आज से करीब बीस साल पहले तक नरयावली मुक्तिधाम में चारों तरफ कंटीली झाड़ियां होती थीं। अंदर डरवना नजारा, जहां अंदर जाने से भी लोग करराते थे, लेकिन आज यह जगह इतनी चमन हो गई कि सुबह प्रतिदिन लोग घूमने भी जाने लगा हैं। एक समाजसेवी तो यहां बच्चों की बाकायदा क्लास लगा रहे हैं, जहां आसपास के ऐसे बच्चे पढ़ाई करते हैं जो कभी शव निकलने के दौरान उनके पर बरसाए जाने वाले सिक्के लूटने का काम करते थे।
दस हजार वर्गफीट में बन रहा पार्क
नरयावली मुक्तिधाम में विद्युत शवदाह गृह के पीछे वाली जगह में नगर निगम द्वारा दस हजार वर्गफीट में पार्क तैयार किया जा रहा है। यह पार्क आधुनिक होगा जो शहर के अन्य पार्कों को टक्कर देगा। इससे यही सुंदरता को चार चांद लगेंगे।
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क्या कहते हैं लोग
पहले जाके नहाते थे, अब नहा के आते हैं
नरयावली श्मशान घाट के दिन बदले हैं। पहले लोग सामान्य रूप से भी लोग श्मशान में आ जाएं तो घर जाके नहाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। भगवान शिव की प्रतिमा व माता का मंदिर है। सुबह से लोग नहाने के बाद यहां पूजा-अर्चना करते आते हैं।
सौरभ पटेल, शहरवासी
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सुबह से जागिंग के लिए आते हैं लोग
श्मशान घाट में सुबह के वक्त लोग घूमने के लिए आते हैं। पीछे वाले हिस्सा में एक समाजसेवी द्वारा बदलाव किया गया है, जहां बच्चे खेलते हैं। यहां के दिन बहुरे हैं। आने वाले समय में और भी बदलाव होगा।
पप्पू खरे, शहरवासी
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आए दिन भजन-कीर्तन होते हैं
श्मशान घाट में शिवजी की प्रतिमा बनने के बाद से यहां आए दिन भजन-कीर्तन होते हैं। इससे बहुत बदलाव आया है। अब आसामाजिक तत्वों का जमावड़ा नहीं होता। नए पार्क बनने से और स्थिति बेहतर होगी।
रोहित सिंह, शहरवासी
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चारों ओर नजर आ रही स्वच्छता
श्मशान घाट परिसर में अब चारों और स्वच्छता नजर आ रही है। पहले गंदगी व कटीली झाडियां थीं। विद्युत शवदाह गृह की शुरुआत के बाद और भी बदलाव होंगे। सबसे बड़ा फायदा यहां हर साल अंतिम संस्कार में लगने वाले लकड़ियों को बचाया जाएगा। इससे जंगल कटने से बचेंगे।
महेश तिवारी, समाजसेवी