सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)।
सागर-दमोह मार्ग पर लंबे समय से प्रतिदिन सड़क हादसे हो रहे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए कर्फ्यू की वजह से इन हादसों में कमी आई है। हालत यह है कि इस सड़क पर पड़ने वाले सानौधा व बहेरिया थाने में इन चार दिनों में सड़क हादसा को कोई मामला नहीं आया है। इस संबंध में लोगों का कहना है कि लगातार बढ़ रहे वाहनों की वजह से ही हादसों भी बढ़ रहे हैं। कर्फ्यू की वजह से सागर सहित गढ़ाकोटा में सख्ती बरती जा रही है। इससे सड़क पर वाहनों का दबाब भी कम हुआ है। इसी का नतीजा है कि हादसे नहीं हुए है। लोगों का कहना है कि चार दिन के पहले यदि इस मार्ग पर सड़क हादसों पर नजर डाले तो प्रतिदिन दो से तीन हादसे हुए हैं। केवल सानौधा व बहेरिया थाना क्षेत्र में ही सड़क हादसों में लोगों की मौत हुई है। बहेरिया थाने में चनाटोरिया के पास लगातार हादसे हो रहे हैं। वहीं सानौधा में भी आपचंद के पास लगातार हादसे हो रहे हैं। चार दिन से यहां एक भी हादसा नहीं हुआ।
दिशा सूचक व संकतकों का अभाव
दमोह-सागर मार्ग पर कई जगह दिशा सूचक व संकेतकों का अभाव हैं। स्थिति यह है कि मोड़ पर भी संकेतक गायब हो चुके हैं। इस दिशा में एमपीआरपडीसी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क की मरम्मत का कार्य हो चुका है। ऐसे में वाहन तेज रफ्तार में भागते हैं। इससे हादसे हो जाते हैं।
बगैर जरूरी कार्य के चौराहे पर ही रोक दिया जाता है
इस संबंध में बहेरिया थाना प्रभारी गौरव तिवारी का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से ही पालन कराया जाता है। थाने के सामने व बहेरिया चौराहे पर सख्ती बरती जा रही है। किसी को भी बगैर जरूरी कार्य के प्रवेश नहीं दिया जाता। सड़कों पर वाहनों का आवागमन भी कम है। इससे हादसों में कमी आई है।
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प्रधानमंत्री सड़क पर दिन-रात दौड़ रहे डंपर, सड़क बदहाल
सागर। आपचंद ग्राम पंचायत मुख्यालय तक सड़क बदहाल होने की वजह से पहुंचना कठिन कार्य हो गया है। नयाखेड़ा से आपचंद तक कुछ साल पहले प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत मार्ग बनाया गया था, लेकिन इस मार्ग पर दिन रात डंपरों की आवाजाही से पैदल चलना भी मुश्किल है। लोगों का कहना है कि वर्तमान में हालत ऐसी है कि इस मार्ग पर वाहन चलाना तो ठीक पैदल चलना कठिन है। ग्रामीणों के मुताबिक प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बने वाहनों पर क्रेशर संचालक लोडेड डंपर दौड़ाते हैं। नयाखेड़ा व आपचंद के बीच करीब आधा दर्जन क्रेशर हैं, जहां इसी रास्ते से गिट्टी की ढुलाई होती है। इन्हीं डंपरों की वजह से चंद साल में ही प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़क बदहाल हो गई है। गांव के लोगों का कहना है कि सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिससे वाहन चलाना मुश्किल होता है।
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