23 एसएए 21ः नरयावली। तालाब में कजलियों का विसर्जन किया गया।
23 एसएए 22ः राहतगढ़। बीना नदी पर महिला श्रद्धालु कजलियों का विसर्जन करने पहुंची।
नरयावली (नवदुनिया न्यूज)।
रक्षाबंधन के दूसरे दिन कजलियों का त्यौहार उत्साह के साथ मनाया गया। लोगों ने एक दूसरे को कजलियां प्रदान कीं। इसके अलावा गाजे बाजे के साथ पारंपारिक गीत गाते हुए लोग कजलियां अपने सिर पर रखकर तालाब में खोटने के लिए ले गए और तालाब में भुजरियों को अर्पित किया। इसके बाद लोगों ने ने मंदिर में जाकर भुजरिया भगवान को अर्पित की एवं बड़े बुजुर्ग लोगों को कजलियां देकर धन्य धन्य पारित होने का आशीर्वाद लिया। गांव में परंपरा के अनुसार अनरय वाले लोगों के घरों में जाकर एक दूसरे को कजलियां भेंट की और बड़ों का आशीर्वाद लिया। जानकारी अनुसार कजलियों का त्यौहार बुंदेलखंड के सपूत आल्हा ऊदल के समय से चला आ रहा है। जो कि गांव में यह त्यौहार परंपरा के अनुसार विधिवत रूप से मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दूसरे दिन मनाए जाने वाले कजलियां पर्व को भुजरिया के नाम से भी जाना जाता है।
श्रद्धा भक्तिभाव से हुआ कजलियां का विसर्जन
राहतगढ़। पूरे अंचल में रविवार को भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन विधिविधान के साथ मनाया गया। रक्षाबंधन के दूसरे दिन सोमवार को कजलियों का पर्व मनाया। गाजे-बाजे और पारंपरिक गीत गाते हुए महिलाएं बीना नदी, बनेनीघाट, छोटापुल, बड़ापुल, सिद्धक्षेत्र गिरजादहार तट आदि नदी जलाशयों में कजलियां खोंटने के लिए पहुंची और विधि विधान से विसर्जन किया। हरियाली की खुशियां मनाने के साथ साथ लोग एक-दूसरे से कजलियां देकर मिले और अपने से बड़े बुजुर्गों को कजलियां दीं। बदले में उनसे धन-धान्य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद लिया। शाम को नगर के लोग अनरय परिवारों में कजलिया देने पहुंचे और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना ईश्वर से की।