बीना (नवदुनिया न्यूज)। बिलासपुर से भोपाल जा रही बिलासपुर भोपाल एक्सप्रेस में उस वक्त बड़ा हादसा होने से टल गया, जब ट्रेन बघोरा स्टेशन पहुंचने वाली थी और ओएचई लाइन पैंटो में फंसकर टूट गई। ओएचई का वायर ट्रेन के उपर गिरा और ट्रेन खड़ी हो गई। यात्रियों ने देखा तो करंट फैलने के डर से भयभीत हो गए और लगभग सभी ने ट्रेन खाली कर दी। हादसे के बाद से शाम छह बजे तक बिलासपुर भोपाल एक्सप्रेस मौके पर ही खड़ी रही। पैंटो में फंसकर एक किमी से अधिक लंबा तार टूटा था। दिन भर लाइन बंद रही। ट्रेनों को थर्ड रेल लाइन से निकाला गया।
खुरई और बघोरा रेलवे स्टेशन के बीच बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस के इंजन के पैंटो में फंसकर ओएचई लाइन टूट गई। इससे इंजन का पैंटो भी टूट गया। इंजन में बिजली सप्लाई नहीं मिलने पर गाड़ी रुक गई। इस बीच यात्रियों ने ट्रेन पर ओएचई का वायर देखा तो वह घबरा गए। उन्होंने ट्रेन छोड़ दी और कुछ देर बाद नजदीक सड़क तक पहुंच कर आटो सहित अन्य साधनों से बीना आए। दोपहर 12 बजे के बाद हुए हादसे की जानकारी रेल अधिकारियों को लगी और रेल अधिकारियों का एक दल मौके पर पहुंचा। ओएचई सुधार के लिए बीना, खुरई, सागर, दमोह, कटनी से टावर वैगन मंगाई गई। वायर टूटने के दौरान उस ट्रेक से गुजरने वाली अन्य ट्रेनों को डाउन लाइन व थर्ड रेल लाइन से निकाला गया। हालांकि कुछ समय के लिए डाउन लाइन से भी आवाजाही बंद थी। लेकिन जब डाउन लाइन को दुरुस्त कर दिया गया, तो मालगाड़ियों की आजवाही होती रही। देर शाम तक ओएचई लाइन को दुरुस्त करने का काम जारी रहा।
आटोमेटिक बंद हो जाती है सप्लाई
रेल अधिकारियों ने बताया कि ओएचई टूटने के बाद तत्काल ही अपने आप सप्लाई बंद हो जाती है। इसलिए घबराने की बात नहीं होती। रेल यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं होती, इसलिए वह घबरा गए थे। यात्रियों ने बताया कि एकदम से आवाज आई तो कोच के गेट से बाहर देखा। इंजन और कोच के उपर ओएचई का वायर पड़ा हुआ था।
मौके पर ही खाली हो गई ट्रेन
हादसे के बाद कई यात्री ट्रेन से उतरकर पैदल ही नजदीक सड़क तक पहुंचे। आटो वालों को मामले की जानकारी लगी तो वह आटो लेकर वहां खड़े हो गए। बसें भी पहुंच गईं थीं। जिससे यात्रियों को बीना, खुरई तक के लिए साधन मिल गए। हालांकि इस दौरान यात्री परेशान बेहद हुए।