
सागर(नवदुनिया प्रतिनिधि)।
संतान की लंबी उम्र व सुख समृद्धि के लिए मंगलवार को महिलाओं ने संतान सप्तमी का व्रत रखकर कथा सुनी। व्रत पूजन के बाद माताओं ने हाथों में चांदी की चूड़ी पहनकर पूजन किया। वहीं गणेशोत्सव के चलते शहर में सुबह-शाम गजानन स्वामी की आरती कर जयकारे गूंज रहे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिमाएं नहीं रखी गई हैं और सिर्फ घरों में ही पूजन किया जा रहा है।
मान्यता है कि संतान सप्तमी का व्रत विधि पूर्वक करने से व्रतधारी महिलाओं को श्रेष्ठ संतान सुख प्राप्त होता है एवं संतान की आयु में वृद्धि होती है। व्रत के दौरान भगवान शिव-पार्वती का पूजन कर सात गांठ का धागा एवं चांदी की चूड़ी का पूजन कर उसे पहना जाता है। दोपहर में घरों व मंदिरों में महिलाओं ने व्रत रखकर सामूहिक रूप से पूजन किया और भगवान से पुत्र के दीर्घायु की प्रार्थना की। व्रत के चलते बाजार में चांदी की चूड़ियों की बिक्री में तेजी रही। महिलाओं ने स्वेच्छानुसार चूड़ियां खरीदकर उन्हें पहना। वहीं चांदी की चूड़ियों की मांग अधिक होने के कारण चांदी के दामों में तेजी देखी गई, जिस कारण कुछ लोगों ने पुरानी चूड़ी में चांदी जुड़वाई तो कुछ ने पुरानी चूड़ी से ही काम चलाया। उल्लेखनीय है कि बाजार में लगभग 900 से 1100 तक में चांदी की चूड़ी बिक रही थी।
फोटो 2508 एसए 8 : सागर। संतान सप्तमी पर पूजन करती हुई महिलाएं।