बीना (नवदुनिया न्यूज)।
बीना-आगासौद के बीच निर्माणाधीन फ्लाई ओवर ब्रिज पर गर्डर लांचिंग के लिए मंगलवार को छह घंटे का मेगा ब्लाक लिया गया था। सुबह 7ः50 से दोपहर 1ः50 बजे तक ब्लाक था। लेकिन गर्डर लांचिक काम एक घंटे पहले 12ः50 पर पूरी हो गया। बावजूद इसके इस रूट की करीब एक ट्रेन ट्रेनें प्रभावित हुईं। शताब्दी एक्सप्रेस सहित सात अन्य ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया तो दो दोनों को रद करना पड़ा। इसके अलावा तीन ट्रेनों को रेगुलेट करके चलाया गया। इस दौरान कुछ हद तक यात्रिओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि पश्चिम मध्य रेल के बीना (मालखेड़ी)- गुना- कोटा के बीच लाइन दोहरीकरण का काम चल रहा है। इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मंगलवार को बीना-आगासौद स्टेशन के बीच रेल ओवर ब्रिज पर 45.7 मीटर लंबा गर्डर लांच करने के लिए ब्लाग लिया गया था। ब्लाक का समय शुरू होते ही अधिकारियों की देखरेख में लांचिंग का काम शुरू हो गया। बिना रुके चले गर्डर लांचिंग का काम निर्धारित समय से एक घंटे पहले पूरा कर लिया गया। गर्डर लांचिंक दौरान आरवीएनएल की टीम का आपसी समन्वय बेहतर रहा। इसमें भोपाल डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय और झांसी डीआरएम विशेष योगदान रहा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि महादेवखेड़ी-मालखेड़ी एक महत्तवपूर्ण लिंक है। इस रूट पर कटनी की तरफ से कोयले के रैक का सबसे ज्यादा आते हैं। लेकिन सिंगल लाइन होने कारण कोयला आपूर्ति में बाधाएं आ रही थीं। लेकिन अब दो लाइनें होने से एक के बाद एक कोयले के रैक निकालने में सुगमता होगी।
मालखेड़ी से चलाई गई शताब्दी
मेगा ब्लाक के चलते इस रूट की करीब दर्जन ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया। कुछ ट्रेनों को महादेवखेड़ी से तो कुछ को मालखेड़ी स्टेशन से निकाला गया। इसके लिए बीना स्टेशन के स्टाफ का सहयोग लिया गया। मालखेड़ी स्टेशन से 12002 शताब्दी एक्सप्रेस और 22537 कुशीनगर एक्सप्रेस को निकाला गया। दोनों ट्रेनों के अंडन बदले में करीब 30-30 मिटन का समय लगा। इसके अलावा ट्रेन नंबर 12803 स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, 18237 छत्तीगसढ़ एक्सप्रेस, 12707 एपी संपर्कक्रांति, 12687 देहरादून एक्सप्रेस, 12137 पंजाबमेल एक्सप्रेस, 11077 झेलम एक्सप्रेस को महादेवखेड़ स्टेशन से निकाला गया।
दो ट्रेन रहीं रद
गर्डर लांचिंग के चलते भोपाल-खुजराहो-भोपाल महामना एक्सप्रेस और ललितपुर-बीना-ललितपुर मेमू स्पेशल को को दोनों दिशाओं से रद रही। इसके चलते यात्रियों को कुछ हद तक परेशानियों का सामना करना पड़ा। जबकि गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस, हरज निजामुद्दी-एर्नाकुलम एक्सप्रेस को रेगुुलेट (रोक रोककर) चलाया गया। गर्डर लांचिंग के बाद ट्रेनों को निर्धारित गति और समय से चलाया गया।