नईदुनिया न्यूज, मैहर। शनिवार की शाम बाणसागर जलाशय में बड़ा हादसा टल गया। चंडी माता मंदिर दर्शन के लिए नाव से निकले 12 श्रद्धालु तेज हवा और बढ़ते जलस्तर के कारण रास्ता भटक गए और नाव करीब 15 किलोमीटर दूर एक टापू के पास जाकर बीच जलाशय में फँस गई। सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। घंटों चली इस जद्दोजहद के बाद सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
ग्राम पुरैना, रामनगर के रहने वाले 12 आदिवासी श्रद्धालु शनिवार को सिंहपुर घाट से नाव के जरिए चंडी माता मंदिर बन्नेह दर्शन के लिए रवाना हुए थे। दोपहर बाद मौसम में अचानक बदलाव आया और जलाशय में तेज हवाएँ चलने लगीं। नाव संतुलन खो बैठी और हवा के दबाव में बहते-बहते लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर टापू की ओर चली गई। इस दौरान श्रद्धालु नाव में फँसे रहे और उनकी चिंता बढ़ती गई।
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम रामनगर एस.पी. मिश्रा, जनपद सीईओ मुन्नीलाल प्रजापति, थाना प्रभारी विजय त्रिपाठी, तहसीलदार अनामिका सिंह, नायब तहसीलदार ललित धार्वे और रोशन रावत मौके पर पहुँचे। तत्काल जिला प्रशासन को सूचना देकर रेस्क्यू टीम तैयार की गई। प्रशासनिक टीम ने सटीक प्लानिंग कर स्टीमर के जरिए टापू तक पहुँच बनाई और श्रद्धालुओं को सकुशल बचा लिया।
रेस्क्यू किए गए श्रद्धालुओं में सागर कोल (24), रामरहीश रावत (23), प्रेमलाल रावत (40), मिजाजी शक्त (36), नेपाल कोल (25), अमित कोल (18), सौखीलाल कोल (31), राजू सोडत (50), फूलचंद डोल (48), गोकुल कोल (48), बल्लू कोल (30) और धर्मेन्द्र रावत (20) शामिल हैं। सभी श्रद्धालु ग्राम पुरैना, रामनगर के निवासी हैं।
सभी 12 श्रद्धालुओं को स्टीमर के जरिए बाणसागर के बालाघाट सेमरिया घाट तक लाया गया। यहाँ रेस्क्यू टीम ने उन्हें चाय-नाश्ता करवाया और फिर वाहनों से 20–25 किलोमीटर दूर उनके गाँव पुरैना तक सुरक्षित पहुँचाया। प्रशासन की तत्परता और सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
इस घटना के बाद बाणसागर जलाशय में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रद्धालुओं और मछुआरों की नावों पर निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए और बिना सुरक्षा इंतजाम नाव संचालन पर रोक लगनी चाहिए। प्रशासन ने भी संकेत दिए हैं कि अब जलाशय क्षेत्र में सख्त नियम बनाए जाएँगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।