एयरफोर्स ने रीवा-सतना में किया निगरानी सर्वे, बन सकता है नया रडार स्टेशन
वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक, मध्य भारत का यह क्षेत्र देश के मध्य भाग में सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है। यहां निगरानी तंत्र मजबूत होने से उत्तर भारत और पूर्वी कारिडोर की सुरक्षा क्षमताओं में बड़ा इजाफा होगा। स्थानीय लोगों के लिए यह दृश्य जहां रोमांचक है, वहीं प्रशासन ने अपील की है कि लोग इन उड़ानों को लेकर भ्रम या अफवाहें न फैलाएं।
Publish Date: Wed, 15 Oct 2025 06:33:45 PM (IST)
Updated Date: Wed, 15 Oct 2025 06:39:39 PM (IST)
सतना जिले के आसमान में उड़ता हुआ देखा गया एयरफोर्स का फाइटर प्लेन।HighLights
- विंध्य के आसमान पर फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट।
- विभिन्न मौसम परिस्थितियों में उड़ानें लगातार जारी हैं।
- गतिविधि की स्थानीय प्रशासन को पूर्व सूचना दी गई है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। पिछले कुछ दिनों से सतना और मैहर के आसमान में उड़ते फाइटर प्लेन लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। तेज गर्जना और धुएं की लकीरों के साथ उड़ान भरते इन विमानों को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की अटकलें और अफवाहें फैल रही थीं। लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि यह कोई रहस्यमयी गतिविधि नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना का रणनीतिक अभ्यास है।
जानकारी के अनुसार, ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरने वाले एयरफोर्स के फाइटर जेट्स इन दिनों विंध्य क्षेत्र में नियमित रिहर्सल और निगरानी अभ्यास कर रहे हैं। सतना, मैहर और रीवा के आसमान को वायुसेना ने अपने रणनीतिक प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त माना है।
विभिन्न मौसम परिस्थितियों में, दिन और रात दोनों समय, ये उड़ानें लगातार जारी हैं। इस गतिविधि को लेकर स्थानीय प्रशासन को पूर्व सूचना दी गई है। विशेष रूप से रीवा जिला प्रशासन को भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक तौर पर सूचित किया था कि विंध्य क्षेत्र में कुछ समय के लिए एयर सर्विलांस और फ्लाइट रिहर्सल किए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, वायुसेना इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, ऊंचाई और मौसमीय परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन कर रही है। माना जा रहा है कि यहां एक नया एयर सर्विलांस रडार स्टेशन या ट्रैकिंग यूनिट स्थापित करने की योजना पर विचार चल रहा है।
इस दिशा में वायुसेना अधिकारियों ने रीवा और सतना के कुछ हिस्सों का सर्वे भी पूरा कर लिया है। विंध्य का आसमान इन दिनों देश की सुरक्षा तैयारियों का साक्षी बन गया है और संभव है कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र भारतीय वायुसेना की निगरानी क्षमताओं का एक नया केंद्र बन जाए।