
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। सावन की लगातार बारिश और गंगा-यमुना नदियों में आई बाढ़ का असर अब चित्रकूट की पवित्र मंदाकिनी नदी पर भी दिखने लगा है। शनिवार को नदी का जलस्तर अचानक 4 से 5 फीट तक बढ़ गया, जिससे घाटों के आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। विशेषज्ञों के अनुसार, गंगा और यमुना में बाढ़ के कारण मंदाकिनी नदी का जल बहाव रुकने से पानी पीछे की ओर भर रहा है।
यदि जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो यह इस मानसूनी सीजन में चौथी बार होगा जब मंदाकिनी नदी उफान पर होगी। घाटों के ऊपर तक पानी पहुंचने की स्थिति में तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा एक बार फिर चुनौती बन सकती है।

नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नगर परिषद पूरी तरह अलर्ट मोड में है। मेला कंट्रोल रूम (पर्यटक बंगला के सामने) को ही बाढ़ राहत कंट्रोल रूम के रूप में सक्रिय कर दिया गया है। नगर परिषद के कर्मचारी चौबीस घंटे ड्यूटी पर तैनात कर दिए गए हैं।
प्रशासन ने घाटों पर जाने से बचने की अपील की है। विशेषकर रामघाट, जानकीकुंड, भरतकूप और गुप्त गोदावरी क्षेत्रों में आम जनता को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से नदी किनारे ना जाएं और किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम (बाढ़ राहत केंद्र) से संपर्क करें।
बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए आवश्यक संसाधन, नावें और राहत सामग्री की भी व्यवस्था की जा रही है। चित्रकूट में रह रहे तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने अस्थाई राहत शिविरों की तैयारी शुरू कर दी है।