सतना। नईदुनिया प्रतिनिधि
बागरी, बागड़ी जाति को अनुसूचित जाति से हटाने के लिए षडयंत्र को किसी भी दशा में सफल नहीं होने देंगे। पूरे प्रदेश का बागरी समाज सड़क पर उतरेगा। सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, रायगढ़, उज्जैन सहित सभी जिलों में आंदोलन किया जाएगा। यह बात जिला पंचायत की पूर्व सभापति रानी बागरी ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता के दौरान संबोधित करते हुए कही। उन्होंने ने कहा कि हाल ही में संपन्ना रैगांव उपचुनाव में कुछ लोगों ने चुनाव आयोग से झूठी शिकायत कर बागरी जाति के आवेदन पत्र निरस्त करने की मांग उठाई थी, जिसे आयोग ने अमान्य कर दिया था। जबलपुर हाईकोर्ट में भी झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत कर आवेदनकर्ता डीपी साकेत ने न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा है कि झूठी शिकायत कर जाति विशेष को मानसिक आघात पहुंचाने वालों के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा कायम कराया जाएगा।
2003 में भी भ्रम फैलाने का किया गया था प्रयास :
श्रीमती बागरी ने कहा है कि सन 2003 में ऐसे ही लोगों द्वारा भ्रमपूर्ण शिकायत कर संविदा शिक्षा भर्ती में एवं बैकलाग की भर्तियों एवं नियुक्तियों में बागरी जाति को नौकरियों से वंचित करने का पूरा प्रयास किया गया था। किंतु ये लोग अपने मंसूबे में असफल रहे थे। पूर्व सभापति जिला पंचायत रानी बागरी ने कहा है कि आने वाले दिनों में स्थानीय पंचायत एवं निकायों के चुनाव होने वाले हैं, जिनसे बागरी बागड़ी जाति के लोगों को वंचित करने के उद्देश्य से कतिपय लोगों द्वारा असंवैधानिक प्रयास का षडयंत्र किये जा रहे हैं जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।
मंत्रालय ने की थी संशोधन सूचना प्रकाशित :
रानी बागरी ने सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के दिनांक 31 जनवरी 2006 क्रमांक एफ7-17/7/आ.प्र./1 का हवाला देते हुए बताया है कि शासन की ओर से राज्य की अनुसूचित जातियों की सूची में जो संशोधन सूचना प्रकाशित की गयी थी, उसमें कहा गया है कि म.प्र. की अनुसूचित जाति क्र.-2 बागरी बागड़ी में राजपूत एवं ठाकुर की उपजातियों को छोड़कर के व्यक्तियों को नियमानुसार स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी करना सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के तत्कालीन अपर सचिव अखिलेश अर्गल द्वारा इस आशय के आदेश सभी संभागायुक्त, विभागाध्यक्ष, कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को भेजे गए थे। अतः बागरी जाति के अनुसूचित जाति की सूची में शामिल होने पर किसी भी तरह से कोई भ्रम की गुंजाइश नहीं है। श्रीमती बागरी ने बताया कि संविधान की मंशा के अनुरूप धारा 341, 342 में निहित आदेशों की पूर्ति के क्रम में भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को आरक्षण की व्यवस्था के लिए राजपत्र प्रसारित किए गए थे जिसके तहत म.प्र. में संवैधानिक व्यवस्था के साथ अनुसूचित जाति में 106 जातियां सम्मिलित की गई हैं। जिसकी वरीयता क्रमांक-2 में बागरी, बागड़ी सम्मिलित है।