सतना। चित्रकूट में प्रतिवर्ष दीपावली के मौके पर होने वाला पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व कल से शुरू होगा। इस दौरान देश भर से लाखों श्रद्धालुओं की आने की संभावना है। वहीं दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट द्वारा भी 2 से 5 नवंबर तक चार दिवसीय ग्रामश्री मेला का आयोजन रामनाथ आश्रम शाला, पीली कोठी चित्रकूट में किया जा रहा है। जिसका भूमि-पूजन शनिवार को संस्थान के सभी प्रकल्प प्रभारियों की उपस्थिति में किया गया। दीपावली अवसर पर लगने वाले इस मेले में उद्यमिता विद्यापीठ द्वारा खादी ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार एवं जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट द्वारा संचालित होने वाले विभिन्ना प्रशिक्षण कार्यक्रमों को परामर्श केंद्र के माध्यम से ग्रामीण बेरोजगार नवयुवक-युवतियों को स्वरोजगार खड़ा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कृषक भाइयों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां द्वारा फसल की नई तकनीकों एवं बीजों के प्रयोग की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां के अन्तर्गत फसल की विभिन्ना नस्लों व उसके बने बीजों का प्रदर्शन किया जाएगा। मेला में आरोग्यधाम द्वारा स्वास्थ्य उपचार शिविर एवं योग प्रशिक्षण का भी आयोजन किया जाएगा।
ढाई दशक से होता आ रहा मेला :
दीनदयाल शोध संस्थान दीपावली अवसर पर पिछले ढाई दशक से श्रद्धालुओं एवं ग्रामीणों के लिए किसी न किसी रूप में मेला का आयोजन करता रहा है। ग्रामश्री मेला में खासतौर पर लोगों के लिये रामायण का बड़े परदे पर प्रर्दशन विशेष महत्व रखता है। राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने विवादमुक्त समाज की संकल्पना के साथ रामदर्शन की स्थापना की थी। जो लोग रामदर्शन नहीं जा पै रहे है वो लोग मेला में बड़े परदे में रामायण देख सकते हैं। ग्रामश्री मेला के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र से जुडे लोगों को कार्य की दृष्टि से बना स्व सहायता समूह और इसकी कार्य प्रणाली का जीता जागता प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
तुलसी उत्सव रघुनाथ गाथा समारोह चित्रकूट में
मध्यप्रदेश जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी संस्कृति परिषद, तुलसी शोध संस्थान के तत्वावधान में ''तुलसी उत्सव-रघुनाथ गाथा'' समारोह चित्रकूट के ''तुलसी मंच'' प्रमोदवन में आयोजित है जो दिनांक 02 नवंबर से 04 नवम्बर 2021 तक प्रतिदिन दोनो समय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होगी। यह आयोजन संत महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी के व्यक्तित्व रचना एवं राम कथा पर केंद्रित है। इस आयोजन का शुभारंभ सुब 11 बजे पूज्य युवराज स्वामी बद्री प्रपन्नााचार्य जी महाराज द्वारा किया जाएगा।उपरोक्त कार्यक्रमों का समन्वय रामकथा एवं तुलसी साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान प्रो. अवधेश प्रसाद पांडेय करेंगे।