नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना/मैहर। रबि सीजन की खरीदी समाप्त होने व खरीफ की खरीदी प्रांरभ होने के बाद भी सरकार को गेहूं बेचाने वाले 70 से अधिक किसानों का एक करोड़ बीस लाख रुपए उपज मूल्य का भुगतान नहीं होने से नाराज अन्नदाताओं ने रविवार को रीवा-शहडोल मार्ग पर बूढ़ाबाउर हाईवे में बीचों-बीच ट्रैक्टर खड़ाकर हाईवे जाम कर दिया। जिसकी जानकारी लगते ही सबसे पहले रामनगर थाना प्रभारी टीकाराम कुर्मी पुलिस जवानों के साथ मौका स्थल पर पहुंचकर किसानों को समझाने का प्रयास करने लगे। लेकिन किसान अपने भुगतान कराने कि जिद पर ही अड़े रहे।
मैहर जिले में रामनगर तहसील के मनकीसर धान खरीदी केंद्र में किसानों ने अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर विक्रय किया था। लेकिन उसका आज तक भुगतान नहीं होने पर जिला प्रशासन से अपने उपज का मूल्य दिलाने की गुहार लगाई। लेकिन भुगतान नहीं होने की स्थिति में नाराज किसानों ने रविवार को हल्ला बोल दिया और रामनगर थाना क्षेत्र की मर्यादपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत रीवा-शहडोल हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जानकारी के अनुसार, करीब 42 सौ क्विंटल धान कमी होने पर इस मामले में जिला प्रशासन ने समिति प्रबंधक, सुपरवाइजर समेत ऑपरेटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
चक्का जाम करने के किसानों ने हाईवे के दोनों ओर बीचों-बीच ट्रैक्टर खड़ा कर पूरा रास्ता जाम कर दिया था। जिससे निर्मित चक्का जाम कि स्थिति में सड़क के दोनों ओर कई वाहन फंसे रहे और रीवा से शहडोल जाने वाले व शहडोल की ओर से रीवा जाने वाले दोनों राहगीर घंटो जाम पर फंसे रहे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फूड इंस्पेक्टर बृजेंद्र जडय़िा, तहसीलदार रोशन रावत, ललित धार्वे और थाना प्रभारी टीकाराम कुर्मी सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और अधिकारी किसानों को समझाने का प्रयास किया।
नाराज किसानों को समझाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी जब किसानों को नहीं मना पाए तो उन्होंने सभी किसानों को लिखित में अपना आश्वासन पत्र दिया। तब कहीं जाकर नाराज व शासन-प्रशासन से गुस्सासएं किसानों ने हाईवे का चक्का जाम खुलने दिया। इस दौरान मौके पर मौजूद व्हीके मिश्रा, उपायुक्त सहकारिता मैहर, बृजेन्द्र जडिय़ा सहायक आपूर्ति अधिकारी रामनगर, डीएम गुप्ता जिला प्रबंधक नान, सुरेश साकेत प्रशासक श्रीपैक्स जरौहा एवं शाखा प्रबंधक डीसीसीबी रामनगर एवं एल सी सोनकर सहकारिता विस्तार अधिकारी रामनगर ने अपने हस्ताक्षर में लिखित आश्वासन पत्र देते हुए किसानों को आगामी पंद्रह दिनों के भीतर किसानों के लंबित भुगतान के संबंध में आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर भुगतान कराने का प्रयास करेगें।