सतना। जिला के जैतवारा नगर के मध्य स्थित प्राचीन शंकर मंदिर के नीचे बने पुराने कुएं से अचानक गैस का रिसाव शुरू हो गया। घटना से पूरा बाजार दहशत में आ गया। सूचना मिलते ही पर्यावरण विभाग की टीम और जैतवारा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक राहुल द्विवेदी ने बताया कि मंदिर के नीचे कभी एक पुराना कुआं था। बाद में उसे पाटकर ऊपर मंदिर और आसपास मकान-दुकानें बना दी गईं। लेकिन कुएं का एक छेद खुला रह गया, जिसके जरिये दूध, पत्ती और अन्य सामग्री लगातार अंदर जाती रही। इससे कुएं में मीथेन गैस का निर्माण हुआ और धीरे-धीरे रिसाव शुरू हो गया।
टीम ने तत्काल कुएं में पानी डलवाकर गैस को डायल्यूट किया, जिससे फिलहाल खतरे को टाल दिया गया है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल अस्थायी उपाय है। स्थायी समाधान के लिए कुएं की खुदाई कर उसे वैज्ञानिक ढंग से भरना और पूरी तरह सील करना आवश्यक है।
स्थानीय लोग इस घटना को लेकर सहमे हुए हैं। उनका कहना है कि भीड़भाड़ वाले इलाके और मंदिर परिसर में इस तरह का गैस रिसाव बेहद खतरनाक हो सकता है। समय रहते कार्रवाई न होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। फिलहाल प्रशासन ने इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना शहरी नियोजन की गंभीर लापरवाही का परिणाम है। धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं जनसुरक्षा के लिए खतरे की घंटी हैं।