नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना/चित्रकूट/मैहर। मध्य प्रदेश के सतना और मैहर जिलों में पिछले 24 से 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वहीं नगरीय निकायों की लापरवाही के कारण शहरों की सड़कों और कॉलोनियों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
सतना जिले में बीते 24 घंटे में 228.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि मैहर में 212 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से तीन गुना अधिक है। इससे सीमावर्ती नदियां मंदाकिनी, लिलजी और टमस विकराल रूप में आ गई हैं।
चित्रकूट में मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ते हुए रामघाट, भरतघाट और जानकीकुंड को जलमग्न कर चुका है। नदी का पानी अब पुरानी लंका तिराहा और मध्य प्रदेश टूरिज्म गेस्ट हाउस तक पहुंच चुका है। सैकड़ों दुकानों और दर्जनों होटलों में पानी भर चुका है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग घंटों तक फंसे रहे, जिन्हें बाद में स्थानीय निवासियों व प्रशासन की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
इधर मैहर शहर भी बाढ़ से जूझ रहा है। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, देवीजी क्षेत्र, शारदा मंदिर मार्ग, वन विभाग कार्यालय और पुलिस कॉलोनी जैसे स्थानों में जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है। पुलिस कॉलोनी में जवानों के आवास और वाहनों तक में पानी भर चुका है। खराब ड्रेनेज व्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष कमलेश सुहाने, नगर पालिका अध्यक्ष पति संतोष सोनी और नगर पालिका के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी और नालों के पास न जाएं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड में रखी गई हैं। मझगवां थाना क्षेत्र के पटनी गांव के पास चकरा नाला भी उफान पर है, जहां पुलिस ने लोगों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने की समझाइश दी है।
बाढ़ की भयावहता को देखते हुए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन लगातार बारिश से मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं।