बिना फार्मासिस्ट के संचालित मिला मेडिकल स्टोर तो मिलेगी सजा, होगा जुर्माना
काउंसिल ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देशित किया है कि वे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन दवाएं न बेचें, अन्यथा उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति को गंभीर उल्लंघन माना जाएगा और दोषी पाए जाने पर फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।
Publish Date: Thu, 09 Oct 2025 06:04:36 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 Oct 2025 08:57:17 PM (IST)
मेडिकल को लेकर नए नियम।HighLights
- यह आदेश फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 42 के अंतर्गत जन विश्वास अधिनियम में लागू हुआ है।
- छिंदवाड़ा जिले में बीते दिनों बच्चों की मौत की घटना के बाद यह कार्रवाई अब और तेज की गई है।
- पता चला है कि डॉक्टर की पत्नी, भतीजा बिना फार्मासिस्ट पंजीकरण के मेडिकल स्टोर चला रहे थे
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पूरे देश में दवा दुकानों के संचालन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर चलाने पर अब तीन महीने की सजा या दो लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान किया गया है। यह आदेश फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 42 के अंतर्गत जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम 2023 के तहत लागू हुआ है। छिंदवाड़ा जिले में बीते दिनों बच्चों की मौत की घटना के बाद यह कार्रवाई तेज की गई है।
जांच में पाया गया कि डॉक्टर की पत्नी और भतीजा बिना फार्मासिस्ट पंजीकरण के मेडिकल स्टोर चला रहे थे, जहां से प्रतिबंधित कफ सिरप बेचा जा रहा था। इस लापरवाही ने फार्मेसी काउंसिल को कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
काउंसिल ने जारी की आवश्यक सूचना
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन पर केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही दवा डिस्पेंस कर सकेंगे। किसी भी गैर-पंजीकृत व्यक्ति द्वारा दवा वितरण, बिक्री या डिस्पेंसिंग करते पाए जाने पर फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा न दें, अन्यथा रद्द होगा लाइसेंस
काउंसिल ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देशित किया है कि वे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन दवाएं न बेचें, अन्यथा उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति को गंभीर उल्लंघन माना जाएगा और दोषी पाए जाने पर फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।
अब नियम तोड़ने पर नहीं बचेगा कोई
यह सख्त कदम न केवल दवा बिक्री व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए भी अहम माना जा रहा है। काउंसिल ने कहा कि दवा बेचना सेवा है, व्यवसाय नहीं।