सतना। जिले के चित्रकूट स्थित प्रमोदवन स्थित दास हनुमान मंदिर के सामने सेामवार की दोपहर को एक बड़ी दुर्घटना टल गई। सडक़ निर्माण संविदाकार की लापरवाही से 11 हज़ार केवीए लाइन के 5 बिजली खंभे तार समेत ज़मीन पर गिर पड़े। जबकि उस समय उन विद्युत पोलों पर तेज़ करंट दौड़ रहा था और सडक़ पर सामान्य आवागमन भी जारी था। यदि तत्काल कदम न उठाए जाते, तो दर्जनों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
दरअसल मंदिर के सामने सडक़ किनारे लगे बिजली खंभों के नीचे और उसके आसपास की मिट्टी को नाली निर्माण के लिए मजदूरों ने खोद दिया।
लेकिन जैसे ही मजदूरों ने उन खंभों के नीचे से खुदाई के बाद मिट्टी हटाई वैसे ही सभी खंभों का संतुलन बिगड़ गया और एक-एक कर लाइन से पांच खंभे सडक़ पर गिर पड़े। गिरे हुए खंभों पर लाइव 11 हज़ार वोल्ट की लाइन जुड़ी थी। हालंकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
गनीमत रही कि इसी दौरान चित्रकूट में पदस्थ बतौर जूनियर इंजीनियर प्रवीण वर्मा कार्यालय जा रहे थे। लेकिन सडक़ पर भीड़-भाड़ देख उन्होने अपना वाहन रुकवाया और देखने रुक गए। लेकिन जैसे ही नजदीक गए तो देखा 11 केवी लाइन के पांच खंभे नीचे सडक़ पर गिरे पड़े थे और उनमें विद्युत प्रवाह जारी था। लिहाजा सर्वप्रथम जेई श्री वर्मा ने लाइन बंद कराई और उसके बाद सडक़ संविदाकार को जमकर फटकार लगाई। जिसके बाद जांच में पता चला कि संविदाकार के पास वहां काम करने के लिए विद्युत विभााग द्वारा कोई इजाजत नहीं ली गई थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना ठेकेदार की घटिया कार्यशैली और लापरवाही का परिणाम है। जिस तरीके से नाली निर्माण कराया जा रहा था, उसमें सुरक्षा मानकों की कोई परवाह नहीं की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग और ठेकेदार सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं, जबकि लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने ठेकेदार व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करने लगे। हालंकि मौके पर पहुंचे जेई प्रवीण वर्मा ने सारी स्थितियों को सम्हालते हुए लोगों को समझाया और आवागमन बहाल हो सका। गौरतलब है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ। उस वक्त वहां से बहुत सारे वाहनों का आवागमन जारी था। लिहाजा अगर समय रहते जेई मौके पर न होते तो स्थिति बेहद भयावह हो सकती थी।