नईदुनिया प्रतिनिधि, चित्रकूट। जिले में शुक्रवार को अदालतों ने दो अहम मामलों में सख्त फैसले सुनाते हुए अपराधियों को कड़ी सजा सुनाई। एक तरफ कभी दस्यु सरगना बलखड़िया गिरोह का हिस्सा रहे कुख्यात जुग्गी पटेल को चौकीदार को पीटने के मामले में पांच साल का कठोर कारावास और ₹7,500 का अर्थदंड दिया गया, वहीं दूसरी ओर एक महिला से मंगलसूत्र लूटने वाले आरोपी को चार साल की जेल और ₹11,000 जुर्माना लगाया गया।
दोनों ही फैसले न्यायिक व्यवस्था की सख्ती और अपराध पर जीरो टॉलरेंस का संदेश दे रहे हैं। जिले में एक ही दिन आए इन दोनों फैसलों ने यह साफ संदेश दिया है कि अपराधी चाहे कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो, न्यायिक प्रक्रिया से बच नहीं सकता। एक ओर जहां दशकों तक दहशत फैलाने वाला दस्यु अब सलाखों के पीछे है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सनत कुमार मिश्रा ने बताया कि मामला वर्ष 2014 का है। जारोमाफी निवासी कामता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका भाई गेंदालाल घर के बाहर चौराहे पर खड़ा था और गांव का चौकीदार नन्हें अपने घर लौट रहा था। तभी अचानक असलहाधारी बदमाश वहां पहुंचे और दोनों के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की।
इस वारदात में दस्यु बलखड़िया, जुग्गी पटेल, बबुली कोल, चुन्नी पटेल, संजय और लवकुश के शामिल होने की बात सामने आई थी। पुलिस ने संजय और लवकुश के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया, जबकि बाकी आरोपी फरार रहे। बाद में बलखड़िया और बबुली कोल पुलिस मुठभेड़ में मारे गए और चुन्नी पटेल की भी मौत हो गई। वहीं जुग्गी पटेल को यूपी एसटीएफ ने सतना से गिरफ्तार कर जेल भेजा।
लंबी सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश राममणि पाठक ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए जुग्गी पटेल (निवासी बरमपुर, कर्वी कोतवाली क्षेत्र) को दोषी करार दिया और पांच वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।
दूसरे मामले में स्वराज कॉलोनी निवासी दशरथी देवी ने 26 अप्रैल को कोतवाली कर्वी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सुबह 5:30 बजे वह टहल रही थीं। तभी एक अज्ञात युवक पीछे से आया, धक्का देकर उनका मंगलसूत्र छीन लिया और भाग गया।
पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो आरोपी की पहचान राहुल रैकवार (निवासी गत्ता मोहल्ला, भरतपुरी) के रूप में हुई। भरतकूप थाना क्षेत्र से उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया, जिसके बाद अपर जिला जज डकैती कोर्ट के न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए राहुल रैकवार को चार साल कैद और ₹11 हजार अर्थदंड से दंडित किया। लोक अभियोजक गोपालदास ने बताया कि यह मामला महज दो माह दस दिन में ही निपटा, जिससे न्यायालय की तत्परता और सख्ती झलकती है।