नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। सतना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने बाबा सिंधी कैंप स्थित मेहर शाह दरबार के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा हम सब एक हैं, सभी सनातनी और हिंदू हैं। एक अंग्रेज ने हमें टूटा हुआ दर्पण दिखाकर अलग-अलग कर दिया था।
उन्होंने कहा आज हमें अच्छे दर्पण में देखकर एक होने की आवश्यकता है। जब हम आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे तो एक दिखेंगे। ये दर्पण दिखाने वाले हमारे गुरु हैं, हमें अपना अहंकार छोड़कर स्वयं को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंधी समाज के लोग हमारे ही हैं, हमारे घर में किसी ने कब्जा कर लिया। हमें एक जुट होकर अपना घर कब्जा करना होगा।
इसके लिए जरूरी है कि हम अपने पारंपरिक वेशभूषा भाषा, रहन-सहन याद रखें। हो सके तो जीवन में हमेशा इसका ध्यान रखें नहीं तो त्योहार पर विशेष दिन पर अपना पारंपरिक वेश धारण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को तीन भाषा का ज्ञान होना चाहिए। राष्ट्रभाषा, क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें भारत के स्व एवं स्वयं के स्व को जीवित करना चाहिए। इस अवसर पर दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दास जी महाराज, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, भोपाल विधायक भगवान दास साबनानी और जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहानी सहित कई साधु-संत और शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
बाबा मेहर शाह दरबार पर एक नजर
सतना के बाबा मेहर शाह दरबार का इतिहास हाल ही में सामने आया है। क्योंकि इसका नया भवन तैयार हुआ है और इसका लोकार्पण 5 अक्टूबर 2025 में हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सतना शहर के दयाल दास चौक स्थित बाबा मेहर शाह दरबार के नए भवन का लोकार्पण किया है। इस लोकार्पण के अवसर पर एक संत समागम का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई वरिष्ठ संत शामिल हुए।
इस दरगाह का इतिहास बहुत पुराना है। यहां हर साल, खासतौर पर मूर्ति स्थापना दिवस पर, धूमधाम से आयोजन किए जाते हैं। सतना में स्थित बाबा मेहर शाह दरबार एक पूजनीय धार्मिक स्थल है। दरबार आध्यात्मिक शांति और सद्भाव का केंद्र माना जाता है। यहां सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था के साथ आते हैं। यह दरबार सतना के सिंधी कैंप क्षेत्र में स्थित है, और इसे वहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।
गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक हालांकि यह एक मुस्लिम सूफी संत का स्थान है, लेकिन यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग आकर प्रार्थना करते हैं। यह आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है, जिसे अक्सर "गंगा-जमुनी तहज़ीब" कहा जाता है।यह दरबार स्थानीय निवासियों और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। समय-समय पर यहाँ विशेष धार्मिक कार्यक्रम और उर्स (संत का वार्षिक उत्सव) का आयोजन होता रहता है। यह धार्मिक स्थल सतना में एक खास पहचान रखता है, जहाँ लोगों की आस्था और विश्वास का संगम देखने को मिलता है।