सतना, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने ट्रेनों में चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले दो अंतराज्यीय शातिर चोरों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
जीआरपी ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर खुलासा किया कि आरोपितों के कब्जे से करीब 8.59 लाख रुपये मूल्य के जेवरात बरामद किए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को सतना न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
प्रेस वार्ता के दौरान जीआरपी चौकी प्रभारी राजेश राज ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक, दीपक तिवारी पिता जयदीप तिवारी (उम्र 24), निवासी उमरिया, इस आपराधिक नेटवर्क का मुख्य सरगना है। दीपक के खिलाफ पहले से ही रेल यात्रियों के सामान चोरी के कई प्रकरण दर्ज हैं। वह बीते एक वर्ष से फरार चल रहा था।
चौंकाने वाली बात यह है कि दीपक तिवारी को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम की पुलिस भी तलाश रही थी। इतने राज्यों की पुलिस के प्रयासों के बावजूद दीपक पुलिस की गिरफ्त से दूर था, लेकिन सतना में जीआरपी ने उसे पकड़ने में कामयाबी पाई।
दीपक तिवारी का साथी आरोपी राजू कुशवाहा (उम्र 26) निवासी मिर्जापुर भी इस गिरोह का सक्रिय सदस्य है। यह गिरोह ट्रेन में चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद स्टेशन से सटे हुए इलाकों में खड़ी कार में सवार होकर फरार हो जाया करता था।
पुलिस के अनुसार उनके पास एक हॉण्डा सिटी कार थी, जो अक्सर ट्रेनों के समानांतर चलती थी। ट्रेन से उतरने के बाद आरोपी उसी कार में सवार होकर भाग निकलते थे।
जीआरपी को सूचना मिली कि दीपक तिवारी अपने साथी राजू कुशवाहा के साथ मिडकॉली घाटी, मारकुंडी रोड, मझगवां क्षेत्र में कार सहित मौजूद है। सूचना पाते ही जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने कई वारदातों की जानकारी दी है, साथ ही पुलिस ने उनकी निशानदेही पर करीब 8.59 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इनसे जुड़ी और भी वारदातों का खुलासा जल्द ही होगा।
इस बड़ी गिरफ्तारी से रेल यात्रियों में जीआरपी के प्रति विश्वास बढ़ा है। रेलवे पुलिस का कहना है कि आगामी समय में रेलवे में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर और कड़ा शिकंजा कसा जाएगा।