नईदुनिया प्रतिनिधि, नरसिंहपुर/सतना: मध्य प्रदेश के महाकोशल-विंध्य क्षेत्र में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। ऐसे में पहुंच विहीन गांवों में रह रहे लोगों की जान पर बन आई है। नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर कुम्हाड़ी ग्राम पंचायत में शनिवार को स्थानीय नाले पर बनी पुलिया डूब गई। एक गर्भवती महिला को प्रसूति के लिए जिला अस्पताल में लाने के लिए स्वजन ने उफनते नाले को पार करते हुए एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसी तरह सतना में सड़क नहीं होने से वृद्धा को खाट पर लादकर लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई। दो दिन पहले ही बहू को भी इसी तरह ले जाना पड़ा था।
कुम्हाड़ी निवासी गर्भवती आरती मलाह (27 वर्ष) को प्रसव पीड़ा हुई तो जिला अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस बुलवाई गई। मुख्य मार्ग तक एंबुलेंस तो आ गई लेकिन स्थानीय पुलिया जलमग्न होने से एंबुलेंस प्रसूता के घर तक नहीं आ सकी। स्वजन के साथ गर्भवती महिला ने नाला पार किया लेकिन एंबुलेंस चालक व पायलट वाहन से नहीं उतरे। प्रसूता को जिला अस्पताल लाया गया। ऊबड़-खाबड़ रास्तों से लेकर पहुंचे राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी की रैगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम द्वारी खुर्द निवासी कल्ली बाई (55 वर्ष) पत्नी भूरा चौधरी की तबीयत अचानक खराब हो गई।
गांव तक सड़क नहीं होने के कारण स्वजन उन्हें चारपाई पर लिटाकर करीब दो किमी तक खेतों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए सड़क तक पहुंचे। निजी वाहन से जिला अस्पताल सतना पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। दो दिन पहले भूरा चौधरी के बेटे असंतलाल की गर्भवती पत्नी रामाबाई (32 वर्ष) को प्रसव पीड़ा हुई और लकवे जैसे लक्षण दिखे। गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाने के कारण उसे भी चारपाई पर लिटाकर नागौद ले जाना पड़ा। स्वस्थ होने पर उसे खटिया पर लिटाकर गांव तक लाया गया।