सीहोर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। मध्य प्रदेश में अब निजी उपयोग में आने वाले यात्री वाहनों पर टोल टैक्स नहीं लगेगा। स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि सीहोर से भोपाल के बीच पड़ने वाले फंदा टोल और सीहोर से आष्टा के बीच पड़ने वाले अमलाहा टोल को शुल्क मुक्त किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और निजी वाहन चालकों को राहत नहीं मिली। इन सड़कों से कुछ लोग प्रतिदिन गुजरते हैं और उन्हें अपने वाहन का टोल 22 से 35 रुपये तक अदा करना पड़ता है। हांलाकि इस निती के तहत जिले के दो टोल नाकों पर टोल नहीं वसूला जाएगा। जबकि लोग फंदा टोल को शुल्क मुक्त करने को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। यदि इंदौर-भोपाल रोड को टोल मुक्त किया जाता है तो निजी वाहन चालक का उतना टोल बचता जितना की भोपाल से इंदौर तक का किराया है। भोपाल से इंदौर के बीच छह टोल नाके पड़ते हैं। जिन पर निजी वाहन चालक को 268 रुपये शुल्क चुकाना पड़ता है। वहीं भोपाल से इंदौर का आम बसों से इतना ही किराया है। हांलाकि एसी बस का किराया 500 रुपये तक है।
जानकारी अनुसार लोक निर्माण विभाग की ओर से दो सौ सड़कों का सर्वे किया गया। सर्वे में मिले आंकड़ों में यह बात समने आई कि यह बात सामने आई कि एकत्र किए गए टोल टैक्स का अस्सी फीसद वाणिज्यिक वाहनों का है। निजी छोटे वाहनों पर सिर्फ 20 फीसदी टैक्स लगता है। एक अनुमान के अनुसार सीहोर के फंदा टोल से दिन भर में करीब पांच हजार वाहन गुजरते हैं। जिनमें से करीब एक हजार वाहन निजी होते हैं। इन निजी वाहनों से 20 से 25 हजार शुल्क टोल के रूप में वसूला जाता है। जो दिन भर में वसूले जाने वाले टोल का 20 प्रतिशत भी नहीं हैं। यही स्थिति अमलाहा टोल नाके की भी है। इन टोल नाकों से करीब 100 वाहन ऐसे गुजरते हैं जो नौकरी या व्यापार के लिए प्रतिदिन आना-जाना करती है। यह भी वाहन चालक अपने वाहनों को टोल मुक्त करने की बात कर रहे हैं, लेकिन फिलहार इन टोल नाकों को टोल मुक्त करने संबंधी कोई पत्र टोल संचालक को नहीं मिला है। टोल प्रबंधक उमा शंकर पांडे ने बताया कि फिलहाल हमें इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।
स्थानीय लोगों को भी देना पड़ता है टोल
सीहोर से भोपाल जाने वाले लोग पुराने रोड से भोपाल जाते हैं। वे 15 किमी का सफर जो सीहोर से फंदा टोल तक है पुरानी सड़क से ही तय करते हैं इसके बाद भी उन्हें पूरा टोल चुकाना पड़ता है। इसी तरह आस-पास के गांव के लोगों को भी टोल चुकाना पड़ता है। जिसको लेकर कई बार वाहन चालक ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएम की घोषणा के बाद लोगों को उम्मीद थी कि फंदा और अमलाहा टोल को निजी वाहनों के लिए टोल मुक्त किया जाएगा, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई कार्रवाई नहीं होने से वाहन चालक नखुश हैं।
दो टोल हुए फ्री चालकों को मिलेगी राहत
आष्टा-कन्नाोद और नसरुल्लागंज (भैरुंदा)-खातेगांव को टोल फ्री करने को लेकर कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से जिले के आष्टा क्षेत्र और नसरुल्लागंज (भैरुंदा) क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा। इसके साथ ही चालकों को टोल नाकों पर लगने वाली लंबी कतार में भी नहीं लगना पड़ेगा। जिससे समय और धन दोनों की बजत होगी।
आष्टा-कन्नाौद मार्ग पर कमर्शियल वाहनों से टोल वसूली कार्रवाई
यूजर फ्री चिन्हित मार्गों पर टोल वसूली करने की कार्रवाई की जा रही है। राज्यमार्ग क्रमांक 70 आष्टा-कन्नाौद मार्ग पर कमर्शियल वाहनों से टोल वसूली प्रारम्भ की जाना है। मध्यप्रदेध सड़क विकास निगम के संभागीय प्रबंधक ने बताया कि राज्यमार्ग क्रमांक 70 आष्टा-कन्नाौद मार्ग के 92 किमी पर ग्राम नाकपुर आष्टा से 11 किमी कन्नाौद की ओर वेल लिए जाने की एजेंसी के चयन के लिए निविदा प्रचलित है। शासन के निर्देशानुसार एजेंसी चयन होने तक विभागीय स्तर पर टोल लगाने की कार्रवाई करना है। इसके लिए आवश्यक कार्रवाई विभागीय स्तर पर की जाकर कार्रवाई पूर्ण होते ही टोल वसूली प्रारंभ की जाएगी।
इंदौर से भोपाल के बीच लगने वाला टोल शुल्क
टोल का नाम-शुल्क
फंदा टोल-29 रुपये
अमलाहा टोल-39 रुपये
भवरासा टोल-50 रुपये
देवास टोल-10 रुपये
मांगलिया टोल-30 रुपये
सुल्लाखेड़ी-110 रुपये