नईदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। फिल्म लापता लेडीज की 97वें आस्कर अवार्ड-2025 की फॉरेन फिल्म कैटेगरी में भारत की ओर से ऑफिशियल एंट्री होगी। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन जानु बरुआ ने सोमवार को इसकी घोषणा की।
सिलेक्शन कमेटी की 13 मेंबर वाली ज्यूरी ने लापता लेडीज को चुना है। इस घोषणा से मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के लोगों में उत्साह है। इसका कारण है कि फिल्म का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा सीहोर और आसपास के गांवों में शूट हुआ है। इस फिल्म में कुछ स्थानीय कलाकारों ने भी अभिनय किया है। सबसे ज्यादा शूटिंग बमूलिया गांव में की गई। यही कारण है कि इसके प्रमोशन के लिए सबसे पहले निर्देशक किरण राव इस गांव में आई थीं।
शूटिंग के समय किरण राव और बाकी कास्ट के वीडियो और फोटो इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हुए थे। यहां किरण राव और बाकी कास्ट लोगों से मिलते-जुलते भी नजर आए थे। इस फिल्म का प्रीमियर भोपाल में हुआ था, जिसमें अभिनेता आमिर खान, किरण राव समेत फिल्म के कास्ट शामिल हुए थे। प्रीमियर के बाद किरण ने शूटिंग से जुड़े अपने अनुभव भी शेयर किए थे।
लापता लेडीज फिल्म को लेकर सुप्रसिद्ध साहित्यकार पंकज सुबीर लिखते हैं कि फिल्म मध्य प्रदेश टूरिज्म के सहयोग से बनाई गई है। अपना इलाका जिस फिल्म में दिखता हो, उस फिल्म को देखना किसे अच्छा नहीं लगता। अब सीहोर और इसके आसपास का इलाका शूटिंग हब बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सीहोर तीनों मार्गों से मुंबई से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से, (मुंबई से भोपाल की वाल्वो बसें सीहोर से ही होकर जाती हैं।) रेल मार्ग से (सीहोर रेलवे स्टेशन पर मुंबई से ट्रेनें आती हैं।) हवाई मार्ग से भी (भोपाल का हवाई अड्डा भोपाल से ज्यादा सीहोर के पास है।)
इस शहर में रहना और खाना-पीना भी सस्ता है। यही कारण है कि यहां हमेशा किसी न किसी फिल्म की शूटिंग चलती ही रहती है। गांव वाले भी अब वैनिटी वैन देखने के आदी हो गए हैं। इस फिल्म में जो गांव दिखाए हैं, वो बमूलिया और धामनखेड़ा हैं। इसके अलावा जो कस्बा दिखाया है, वह सीहोर जिले की तहसील इछावर है। कुछ दृश्य सीहोर शहर के भी हैं, जो रेलवे स्टेशन दिखाया है, वह सीहोर से लगा हुआ बकतल स्टेशन है और कुछ सीहोर रेलवे स्टेशन के भी शॉट्स हैं। फिल्म में लाल मस्जिद को भी दिखाया है। इसमें कुछ कलाकार भी सीहोर के हैं।