सीहोर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। मछुआरों के हित में सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन इनका लाभ मछुआरों को नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि मछुआरों के किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। इस कारण से पात्र मछुआरे परेशान हो रहे हैं।
जिले में मछुआरों को लाभ देने के लिए मार्केटिंग सोसायटी और जिला सहकारी बैंक के माध्यम से मछुआरों के लिए सरकार द्वारा क्रेडिट कार्ड बनाए जाने लिए के वर्ष 2021-22 में पांच हजार मछुआ किसान क्रेडिट कार्ड का निर्धारित किया गया था। जबकि अभी तक 2521 मछुआ किसान क्रेडिट कार्ड आवेदन मत्स्य विभाग से स्वीकृत कर सहकारी बैंकों और मार्केटिंग सोसाटियों को भेजे गए थे। इसमें 1074 स्वीकृत हो गए, बैंकों में अभी 600 आवेदन पेंडिंग हैं। इस मामले में मछुआरों ने बताया कि बैंक और सहकारी समितियों में मछुआ किसानों को परेशान किया जा रहा है और अनावश्यक दस्तावेजों की मांग की जा रही है। इसमें भूमि अधिपत्य प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। अधिकांश मछुआ किसान गरीब है, भूमिहीन हैं, ऐसे में भूमि अधिपत्य प्रमाण पत्र वह कहां से लाएंगे। इससे उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, अधिकांश मछुआरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधान सभा क्षेत्र के ही हैं। इस पूरे मामले की शिकायत मछुआ किसानों ने मुख्यमंत्री से भी की है।
बैंकों के लगा रहे चक्कर
इस मामले को लेकर सहायक संचालक मत्स्य उद्योग विभाग सीहोर के भारत सिंह मीणा का कहना है कि मछुआ किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आधार कार्ड, मछुआ प्रमाण पत्र और एक फोटो की आवश्यकता होती है। हमारे पास जितने भी मछुआरों के आवेदन आ रहे हैं। स्वीकृत कर हम बैंकों में पहुंचा रहे हैं। बुधनी व भैरुंदा क्षेत्र के किसानों ने शिकायत कर बताया था कि बैंकों में भूमि अधिपत्य प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है। ऐसे किसी प्रमाण पत्र के नियम नहीं है। बैंकों से संपर्क कर उन्हें समझा रहे हैं।
केंद्र की गाईड लाइन में ऐसे कोई प्रमाण पत्र का जिक्र नहीं है। बैंक अफसरों से चर्चा कर उन्हें बताया जाएगा। फिर भी यदि पात्र हितग्राहियों को लाभ नहीं मिलता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
हर्ष सिंह, सीईओ जिला पंचायत