
सीहोर, नवदुनिया प्रतिनिधि। देश-विदेश में दूध के उत्पाद बेचने वाली जयश्री गायत्री फूड पर आयकर ने बुधवार को छापामार कार्रवाई की। यह कार्रवाई गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान लगातार आयकर के अधिकरी दस्तावेजों के साथ उनके जुड़े संस्थानों और कर्मचारियों पर भी नजर रखे हुए हैं। आयकर विभाग की कार्रवाई फिलहाल जारी है। कार्रवाई के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कंपनी ने कर चोरी की है या नहीं और यदि की है तो कितने की। इसके बाद ही कंपनी से वसूली की जाएगी और कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि जयश्री गायत्री फूड के मालिक किशन मोदी की सात और कंपनिया रजिस्टर्ड है। जिनकी कुल वर्थ करीब 10 करोड़ 58 लाख है।
शहर के जयश्री गायत्री फूड फैक्ट्री के मालिक के आवास पर आयकर विभाग की टीम के छापामार कार्रवाई की है। बुधवार को शुरू हुई कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही। बुधवार को उनके आवास पर ताला लगा था और फैक्ट्री के मालिक के घर के बाहर आयकर विभाग की टीम और पुलिस मौजूद थी। फैक्ट्री के भोपाल, इंदौर आफिस सहित फैक्ट्री के दो कर्मचारियों के आवास पर भी आयकर विभाग की टीम पहुंची थी। फिलहाल टीम भोपाल में उनके आफिस और सीहोर फैक्ट्री में ही कार्रावई कर रही है। साथ ही यह बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में चिराग पासवान की भी हिस्सेदारी है। आयकर विभाग ने एक साथ सीहोर, भोपाल आफिस, फैक्ट्री और दो कर्मचारियों के घर पर छापामार कार्रवाई की है।
सात कंपनियों में हिस्सेदारी
जयश्री गायत्री फूड के अलावा किशन मोदी की सात कंपनिया और भी रजिस्टर्ड हैं। इन सभी कंपनियों में कुल 10 करोड़ 58 लाख की पूंजी इनकी है। हालांकि इसमें से सिर्फ जयश्री गायत्री फूड की जमीन ही 20 करोड़ से ज्यादा की बताई जाती है। इसके साथ ही पूर्व में कंपनी पर जीएसटी का छापा पड़ा था। तब भी कंपनी सिर्फ कागजों पर ही व्यापार कर ही थी। जबकि अधिकतर व्यापार केश में ही किया जा रहा था। किशन मोदी ने जयश्री गायत्री फूड प्रोडेक्ट प्रायवेट लिमिटेड, मां पीतांबरा प्रायवेट लिमिटेड, आसमा फूडस् प्राइवेट लिमिटेड, बिहार, जयश्री गायत्री फिनकाप प्रायवेट लिमिटेड, ए-मार्क प्राइवेट लिमिटेड, हेलकिन इंड्रस्टीज प्रायवेट लिमिटेड, फूड आन डोर प्रायवेट लिमिटेड रजिस्टर्ड हैं।
फर्जी दस्तावेज लगाकर माल विदेश भेजने का भी लगा आरोप
सीहोर के वेटनरी डा. एसके श्रीवास्तव ने पूर्व में एक शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी फर्जी आइडी बनाई गई है ऐसी सूचना उन्हें मिली। जिसके बाद उन्होंने आइडी देखी तो आइडी पर नाम और पद उन्हीं का था, लेकिन फोटो किसी अन्य का था। वहीं आइडी उनकी नहीं थी। किसी ने पूरी तरह से फर्जी आइडी बनाई है जिसमें फोटो किसी अन्य का लगाया है। शायद आरोपितों को उनका फोटो नहीं मिल पाया। वहीं इस संबंध में डा. एसके श्रीवास्तव ने पुलिस को शिकायत की है। जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी आइडी बना कर उसका अवैधानिक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय आइडी का उपयोग दस्तावेज में कहीं नहीं होता, लेकिन विभाग संबंधी यह अन्य जांच संबंधी कार्यों में किया जा सकता है। वहीं उन्हें अंदेशा है कि करीब आठ माह पहले जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री पिपलियामीरा से कुछ लोग मेरे पास आए थे। जो मिल्क मैजिक नाम से दूध के उत्पादों संबंधी जांच करने के लिए कह रहे थे। जिसके लिए विभाग से प्रमाण लेना होता है। इस काम के लिए मैंने मना कर दिया था। मुझे ऐसा लगता है कि मेरी आइडी का प्रयोग इसी काम में अवैधानिक तरीके से किया जा रहा है। वहीं इस आइडी पर जो फोटो लगाया है वह भी पशु चिकित्सालय विभाग के कर्मचारी प्रेम पेरवाल का होना बताया जा रहा है। जिसकी शिकायत फिलहाल उन्होंने नहीं की है। वहीं इस मामले में कोतवाली टीआइ का कहना है कि आवेदन मिला है जांच की जाएगी।