MP Cabinet Expansion: चौथी बार मंत्री बने हैं इछावर के करण सिंह वर्मा, जानिए उनके राजनीतिक सफर के बारे में
अब तक नौ बार चुनाव लड़कर आठ बार विधानसभा में पहुंच चुके हैं करण सिंह वर्मा। उमा भारती के मुख्यमंत्रित्व काल में पहली बार बने थे मंत्री।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Mon, 25 Dec 2023 03:43:51 PM (IST)
Updated Date: Mon, 25 Dec 2023 03:43:51 PM (IST)

सीहोर। यदि मप्र विधानसभा क्षेत्र चुनाव की बात करे तो गोपाल भार्गव के बाद सीनियर विधायक में करण सिंह वर्मा को दूसरा नंबर आता है। जहां गोपाल भार्गव 9 बार चुनाव लड़कर सभी में जीत कर आए, वहीं इछावर विधानसभा क्षेत्र से 9 बार चुनाव लड़े करण सिंह वर्मा 1985 के बाद अब तक सिर्फ 2013 को चुनाव हारे और आठ बार जीत दर्ज कराई है। उन्हें 2004, 2005 और 2008 में तीन बार मंत्री बनाया गया। इस बार उन्हें चौथी बार मंत्री पद के लिए शपथ दिलाई गई। मालूम हो कि सोमवार की सुबह साढ़े नौ बजे उनके पास सीएम हाउस से फोन आया और उन्हें भोपाल बुलाया गया, जिसके बाद बड़ी संख्या में विधानसभा क्षेत्र से उनके समर्थक भी भोपाल पहुंचे।
इछावर विधानसभा क्षेत्र के जमोनिया हटेसिंह में 6 अक्टूबर 1955 को करण सिंह वर्मा का जन्म हुआ था, उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की वह 1980 में इछावर जनपद सदस्य रहे। इसके बाद क्षेत्र में अपनी साफ ईमानदार छवि के चलते सन 1985 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़े करण सिंह वर्मा ने कांग्रेस के कद्दावर नेता हरिचरण वर्मा को बड़े अंतर से हराया, जिसके बाद करण सिंह वर्मा ने राजनीति के क्षेत्र में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने आगामी चुनावों को वह अपने काम के दम पर जीत गए, लेकिन उनकी जीत का क्रम 2013 में आकर थम गया, जहां उन्हें कांग्रेस के शैलेंद्र पटेल से महज 756 वोटों से हार झेलनी पड़ी, लेकिन इसी हार का बदला करण सिंह वर्मा ने 2018 के चुनाव में लिया, जहां उन्होंने कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंदी शैलेंद्र पटेल को लगभग 15869 वोट के अंतर से शिकस्त दी, तो 2023 में एक बार फिर शैलेंद्र पटेल को 16346 वोट से हराया।
करण सिंह वर्मा अपने 38 वर्ष के लंबे राजनीतिक करियर में इससे पहले तीन बार मध्यप्रदेश शासन में मंत्री भी रहे हैं, जहां उन्होंने मुख्य तौर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में जून 2004 से पंचायत एवं राज्य मंत्री और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में 2005 में उद्यानकी मंत्री और 2008 में राजस्व एवं पुर्नवास स्वतंत्र प्रभार मंत्री के रूप में कार्य किया। अब 2023 में यह चौथा अवसर है जब उन्हें मंत्री पद मिला है।