नईदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर (Pandit Pradeep Mishra): कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के माफीनामे को कायस्थ समाज (Kayastha Samaj) ने खारिज कर दिया है। समाज का कहना है कि पंडित मिश्रा ने भगवान चित्रगुप्त (Chitragupta) के लिए व्यासपीठ से अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से ही माफी मांगनी होगी। वे वृंदावन (Vrindavan) के चित्रगुप्त मंदिर जाकर नाक रगड़कर माफी मांगें, तब स्वीकार होगा।
इस विवाद की शुरुआत पिछले हफ्ते हुई थी, जब सीहोर (Sehore) के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा महाराष्ट्र में प्रवचन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भगवान चित्रगुप्त के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया था। इसके बाद से कायस्थ समाज नाराज है।
इसके बाद प्रदीप मिश्रा ने स्थानीय मीडिया को बुलाकर अपने बयान पर माफी मांगी। हालांकि उन्होंने यह कहकर खुद को निर्दोष बताने की भी कोशिश कि वे तो शिव महापुराण में आई कथा को ही सुना रहे थे।
इसके बाद कायस्थ समाज ने इसे लेकर बुधवार को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा और कार्रवाई करने की मांग की। इसके साथ ही कायस्थ समाज ने कहा कि कथा वाचक प्रदीप व्यासपीठ से माफी मांगें और वृंदावन जाकर नाक रगड़ें नहीं तो हम एफआइआर कराएंगे और पुतला दहन भी करेंगे।
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कायस्थ समाज के जिला अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने कहा कि मैंने प्रदीप मिश्रा का मीडिया को दिया गया माफीवाला बयान सुना है। उन्होंने कहा है कि मैंने वो कहा जो शिव महापुराण और शास्त्रों में लिखा है, जबकि शिव महापुराण तो मैंने भी पढ़ा है। इसमें कहीं इस तरह का उल्लेख नहीं है। वहीं तमाम संतों का दावा है कि पुराणों में भी इस तरह का कोई उल्लेख नहीं है। अब प्रदीप मिश्रा लज्जित होने की जगह उसे सही बता रहे हैं। यह स्वीकार नहीं होगा।