नईदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। चिंतामन गणेश मंदिर में 10 दिवसीय गणेश महोत्सव शनिवार से शुरू होगा। यहां देशभर से श्रद्धालु हजारों की संख्या में पहुंचते हैं। पहले दिन यहां एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। हर रोज यहां 11 क्विंटल से अधिक मगज के लड्डुओं को भोग लगेगा। हर दिन पांच आरती होंगी। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट सुबह चार से रात 11 बजे तक दर्शन के लिए खुले रहेंगे।
गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पृथ्वी बल्लभ दुबे ने बताया कि 2000 साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने गणेश के इस मंदिर की स्थापना की थी। उन्होंने इस मंदिर का नाम चिंतामन सिद्धि गणेश मंदिर रखा था। सिद्ध गणेश मंदिर होने के कारण शहर को सिद्धपुर कहा जाने लगा धीरे-धीरे सिद्धपुर से लोग इसे सीहोर कहने लगे हैं।
इस मंदिर की खासियत यह है कि देश के चार स्वयंभू प्रतिमा है, उनमें से ये एक है सीहोर का चिंतामन गणेश मंदिर है। दो हजार साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने इसकी प्रतिमा की स्थापना की थी। इसके अलावा राजस्थान रणथंबोर सवाई माधोपुर, अवंतिका उज्जैन के चिंतामन गणेश, गुजरात के सिद्धपुर और चौथा मध्य प्रदेश के सीहोर मैं इस प्रकार के चिंतामन गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है।
राजा विक्रमादित्य हर बुधवार चिंतामन के दर्शन करने सिद्धपुर सीहोर आते थे। विक्रम संवत 155 में यहां गर्भ ग्रह का निर्माण हो गया था। आज से 350 साल पहले पेशवा बाजीराव ने इस मंदिर में सभागृह का निर्माण कराया था। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजा जाता है ऐसी मान्यता है कि शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश का पूजन करना जरूरी होता है।