शस्त्र का घाव भर जाता है, शब्द का घाव नहीं भरता।
आष्टा । नवदुनिया न्यूज
धर्म के सत्य लक्षण मे सत्य के दो अर्थ है। सत्य धर्म व सत्य वचन। सत्य धर्म तो आत्मा का स्वभाव होता है वह तो कीट, पतंग से लगाकर सिद्घ भगवान तक में सब में होता है। सत्य वचन सिद्घ में नहीं संसारी जीवों में होता है। सत्य धर्म में ये तीन उपाय बताए हैं। इनमें जहां तक हो न बोले आवश्यक हो तो थोड़ा बोले, धर्म प्रभावना के लिए अधिक भी बोले।
यह तीन बातें साध्वीवर्या उपशांतमति माताजी ने अपने आशीष वचन के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि जैसा देखा वैसा बोलना सत्य नहीं अपितु जिससे किसी के प्राणों का घात न हो वैसा बोलना सत्य कहा जाता है। सिर्फ अज शब्द का अर्थ बकरा कहने से राजा वसु नरक में गया। अंधे के पुत्र अंधे होते है। ऐसा कटु शब्द द्रौपदी के द्वारा दुर्योधन के लिए बोल दिये जाने से इतना बडा महाभारत युद्घ हुआ। शस्त्र का घाव भर जाता है। शब्द का घाव नहीं भरता अतः परहितकारी, मिष्ट कर्णप्रिय, सीमित वचन बोलना चाहिए। द्रव्य का लक्षण है सत्य और आत्मा भी द्रव्य है । सत्य स्वभावी आत्मा के आश्रय से वीतरागी परिणति ही निश्चय सत्य धर्म है और वाणी से सत्य बोलना व्यवहार सत्य धर्म है।
अन्य धर्मों की तरह ये भी आत्मा का धर्म है
जब भी सत्य धर्म की बात आती है तो हमारा ध्यान सत्य बोलने तथा झूठ न बोलने पर जाता है। जबकि सत्य बोलना या झूठ न बोलना ये तो वाणी की पर्याय है। यदि सत्य बोलने को ही सत्य धर्म कहा जाए तो सिद्घों के इसका अभाव हो जाएगा जो कि गलत है।
धर्म और धर्म का फल आत्मा को प्राप्त होता है। शब्द भाषा वर्गणा द्घपुदगल है। तो भाषा से अर्थात पुदगल का फल आत्मा को कैसे मिल सकता है। पुदगल और आत्मा में तो अत्यंताभाव है। कोई कहता है कि जैसा देखा हो या सुना हो, वैसा ही कहना सत्य है। क्या ये सही है। एक उदाहरण से समझते है। मान लो किसी ने किसी की हत्या की कहानी सुनी और उसे सुनकर उसने पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी। लेकिन ये भी तो हो सकता है वह नाटक का हिस्सा हो। इसलिए हमें हमेशा सत्य बोलना चाहिए।
जयश्री शर्मा बनी सर्व ब्राह्मण महिला मंडल की अध्यक्ष
युवा संगठन के अध्यक्ष रूद्र व्यास मनोनित
फोटो 163 आष्टा । जयश्री शर्मा का स्वागत करते हुए।
आष्टा । नवदुनिया न्यूज
बुधवारा स्थित शास्त्री स्कूल में नगर के सर्व ब्राह्मण समाज की एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठ मनोहर पंड्या की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें महिला मंडल की अध्यक्ष पद पर जयश्री दिनेश शर्मा और युवा संगठन अध्यक्ष रूद्र व्यास को चुना गया। बैठक में नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजेश शर्मा ने दोनों चुने गए पदाधिकारियों को बधाई देते हुए स्वागत भी किया। बैठक में समाज के प्रमुख संजीव दीक्षित ने बीते वर्ष के आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। जिसमें परशुराम जयंती और परिणय महोत्सव के साथ-साथ वर्षभर किए गए सभी सामाजिक जुलूस जलसो के स्वागत सत्कार आदि पर किये गये खर्च व समाज से हुई आय का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष पंडित राजेश शर्मा की अनुंशसा पर महिला मंडल की अध्यक्षा के रूप में जयश्री दिनेश शर्मा को मनोनित किया। वहीं युवा संगठन के अध्यक्ष के रूप में रूद्र विरेश्वर प्रसाद व्यास के नाम पर अपनी मोहर लगाई। उपस्थित सभी विप्र जनों ने इन तीनों नवनियुक्त अध्यक्षों को पुष्पमाला पहनाकार व मिठाई खिलाकर बधाईयां दी। बधाई देने वालो में समाज के बरिष्ठ प्राचार्य प्रेमनारायण शर्मा, राम भरोसे शर्मा अध्यक्ष वैदिक मंडल, जागेश्वर तिवारी, संतोष शर्मा, अनंत पांडे पूर्व अध्यक्ष, अतुल शर्मा, जीपी उपाध्याय, नवीन शर्मा, दिनेश शर्मा, संजीव दीक्षित, पुष्पेंद्र उपाध्याय, किरण शर्मा, सुनील शर्मा, राकेश तिवारी, भविष्य शर्मा, विजय उदेनिया, शरभ श्रोत्रिय, नितेश दीक्षित, मनीष पंड्या, श्रवण शर्मा, सुदर्शन व्यास, जितेन्द्र शर्मा, सुरेश शर्मा, राकेश शर्मा, पवन पाठक, प्रियांक शर्मा, किशोर जोशी, विनोद शर्मा आदि प्रमुख हैं।
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अनाज तिलहन व्यापारी की नवीन कार्यकारणी का हुआ गठन
अध्यक्ष मनीष पालीवाल ने अपनी टीम की घोषित।
फोटो 164 आष्टा । पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए।
आष्टा। अनाज तिलहन वेलफेयर व्यापारी ऐसोशिएशन की एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई। बैठक में नव निर्वाचित अध्यक्ष मनीष पालीवाल ने अपनी कार्यकारिणी गठित कर महासचिव अनिलकुमार जैन को तथा प्रवक्ता दिनेश शर्मा को बनाया गया।
वहीं आगामी 2 वर्षो के लिए नवीन कार्यकारणी के गठन पर विचार विर्मश होकर सर्वसम्मती से संघ के वरिष्ठ सदस्य और वरिष्ठ व्यापारी मनीष पालीवाल मेसर्स पालीवाल ब्रदर्स को पहले अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंनें अपनी नई कार्यकारिणी में महासचिव अनिल कुमार जैन बीएच, उपाध्यक्ष क्रमश सुरेश जैन महेश चंदा, संजय जैन, कमल ताम्रकार, मनोज गोपी सेठी, सहसचिव प्रभात धाड़ीवाल, राजकुमार साहू, मोहित वेदमुथा, कोषाध्यक्ष मनोहर साहू, मिडिया प्रभारी और प्रवक्ता के रूप में दिनेश शर्मा को मनोनित किया। वहीं संघ के सभी पूर्व अध्यक्षों को संरक्षक और वरिष्ट व्यापारियों को कार्यकारणी सदस्यों के रूप में मनोनित कर अपनी संपूर्ण कार्यकारिणी की घोषणा की। नवनियुक्त अध्यक्ष मनीष पालीवाल सहित सभी मनोनित पदाधिकारियों और सदस्यों को बधाईं दी। बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष प्रेमकुमार राय और सुनील कुमार जैन आदिनाथ व्यापारी प्रतिनिधी के मुख्य अतिथ्य में संपन्न हुई।
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मोक्षधाम आष्टा में अस्थि संचय के लिए एक विशेष अलमारी की होगी स्थापनाएं
उपाध्याय परिवार ने 7 हजार का दिया दान।
आष्टा। नगर का मोक्षधाम यू तो आसपास के मोक्षधामो के लिए एक मिसाल है क्योंकि यहां आज जन सहयोग से लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जो कमिया है उन्हें भी समिति समय-समय पर दूर करने के प्रयास किए जाते हैं। इस मोक्षधाम में लम्बे समय से एक बड़ी कमी महसूस की जा रही थी। जो दानदाता सिविल अस्पताल में नेत्र इकाई के प्रमुख अतुल उपाध्याय ने आज पूरी कर दी। अतुल उपाध्याय ने आज अस्थि संचय कर उन्हें सुरक्षित रखने के लिए एक अलमारी के लिए 7 हजार रुपए अपने पिता स्वर्गीय रमेश चंद्र उपाध्याय की स्मृति में अपनी माताश्री आशा रानी उपाध्याय के हाथों समिति के सदस्य कुशलपाल लाला को सौंपे । स्मरण रहे जब किसी मृतक का अंतिम संस्कार के बाद अस्थि विसर्जन होता है। जो आर्थिक संपन्न होते है, वो तो अस्थियों ंको लेकर हरिद्वार, उज्जौन गया जी बिहारद्घ, नासिक एनिमावर, चले जाते है एवं उनको विसर्जित कर आते हैं।
लेकिन आर्थिक रूप से पिछड़े ओर कमजोर परिवार के लोग मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के तुरंत बाद अस्थि विसर्जन हेतु नहीं ले जा पाते और न ही उन अस्थियों को घर ले जा सकते इसके कारण मृतक की अस्थियां अस्त-व्यस्त हो जाती है। और समय आने तक वो अस्थियां इधर उधर हो जाती थी। जब ये बात अतुल उपाध्याय को ज्ञात हुई तो आज उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता रमेश चंद्र उपाधयाय जी की स्मृति में अपनी माता जी आशा रानी उपाध्याय के हाथों अस्थि संचय के लिए एक विशेष अस्थि संचय अलमारी, जिसमें अस्थियां सुरक्षित रखी जा सकेंगी। उस अलमारी की स्थापना मुक्तिधाम परिसर में करने के लिए इस विशेष अस्थि संचय अलमारी के लिए 7001 रुपए दान का चेक समिति को प्रदान किया। समिति ने आशा रानी उपाध्याय और अतुल उपाध्याय का आभार व्यक्त किया।